मुहम्मद अली जिन्ना (Muhammad Ali Jinnah)
मुहम्मद अली जिन्ना के अनुसार सी.आर.फार्मूला में अपूर्ण, अंगहीन तथा दीमक लगा हुआ पाकिस्तान दिया गया तथा इसमें प्रतिरक्षा, संचार के संबंध में संयुक्त व्यवस्था का प्रस्ताव था। अतः उसने इन कारणों से सी.आर.फार्मूला को अस्वीकार कर दिया।
सी.आर.फार्मूला क्या था –
सी.राजगोपालाचारी मद्रास प्रांत के प्रभावशाली नेता थे। भारत छोङो आंदोलन के पूर्व उन्होंने भारत की साम्प्रदायिक समस्या का हल निकालने के लिए एक योजना तैयार की थी, जिसमें आत्मनिर्णय के अधिकार के नाम से मुसलमानों की पाकिस्तान की माँग स्वीकार कर ली गयी थी।
कांग्रेस के नेताओं ने इसे बहुत बुरा माना तथा इस प्रश्न पर राजगोपालाचारी से तीव्र मतभेद हो गया।अतः 1943 में उन्होंने कांग्रेस से अपना त्यागपत्र दे दिया।1942 के आंदोलन में मुस्लिम लीग से समझौता किये भारत में राजनीतिक गतिरोध को दूर नहीं किया जा सकता। जेल से छूटने के बाद गांधीजी ने इस समस्या के समाधान हेतु जिन्ना से भी बातचीत करना आवश्यक समझ, ताकि इस समस्या का कोई समाधान निकल सके।
इसीलिए 10 जुलाई, 1944 को राजगोपालाचारी ने अपनी योजना प्रकाशित की, जो सी.आर.फार्मूला के नाम से विख्यात हुई…अधिक जानकारी