होयसल वंश की राजधानी द्वारसमुद्र का आधुनिक नाम हलेविड है, जो कर्नाटक राज्य में बेलूर के पास स्थित है। इसे पूर्व में दोरसमुद्र या द्वारसमुद्र भी कहा जाता था।यह होयसल राजवंश की राजधानी रहा है। होयसल राजाओं ने यहाँ 1149 ई. से लेकर 1339 ई. तक राज्य किया। उन्होंने यहाँ कई मंदिरों का निर्माण करवाया था।
उनके द्वारा बनवाया गया होयसलेश्वर का मंदिर सर्वाधिक प्रसिद्ध है। केदारेश्वर मंदिर भी यहीं बना हुआ है। मंदिर की दीवारों पर देवता, मनुष्य, पशु, पक्षी आदि की सुन्दर एवं आकर्षक मूर्तियाँ बनी हुई हैं। इस मंदिर का निर्माण विष्णुवर्द्धन ने करवाया था। होयसलेश्वर मंदिर के अलावा हलेविड से कई जैन मंदिर भी प्राप्त हुये हैं। इनमें पार्श्वनाथ का मंदिर उल्लेखनीय है, जिसमें उनकी 14′ ऊँची प्रतिमा रखी हुयी है। दो अन्य मंदिरों से ऋषभदेव तथा शांतिनाथ की प्रतिमायें भी मिली हैं।
द्वारसमुद्र के होयसल वंश के बारे में जानकारी
वर्तमान हैलेबिडु(हलेविड) का अर्थ है, नष्ट शहर। इस शहर को बहमनी साम्राज्य द्वारा दो बार नष्ट किया गया था। हलेविड को भारतीय मंदिर और शिल्प कला का दर्शन कराने वाले स्थान के रूप में जाना जाता है।इसकी स्थापना जन अनुयायी नृपा कामा ने की थी।
होयसल शासक कला और शिल्प के संरक्षक थे। बेलूर और हलेविड में इन्होंने भव्य मंदिरों का निर्माण कराया था।
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References:
1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक-के.सी.श्रीवास्तव