कालिदास किसका दरबारी विद्वान था
कालिदास संस्कृत भाषा के सबसे महान् कवि और नाटककार थे। कालिदास ने भारत की पौराणिक कथाओं और दर्शन को आधार बनाकर रचनाएं की। कालिदास शिव के भक्त थे।
कालिदास नाम का शाब्दिक अर्थ है, ‘काली का सेवक’। कालिदास चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के दरबार के नवरत्नों में से एक थे। लेकिन कहा जाता है कि प्रारंभिक जीवन में कालिदास अनपढ़ और मूर्ख थे। कालिदास की शादी विद्योत्तमा नाम की राजकुमारी से हुई।
महाकवि कालिदास चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के समकालीन माने जाते हैं।
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कालिदास की रचनाएँ
विक्रमादित्य के नवरत्न कालिदास की सात रचनाएं प्रसिद्ध है। इनमें से चार काव्य-ग्रंथ हैं-
- रघुवंश
- कुमारसंभव
- मेघदूत
- ऋतुसंहार।
तीन नाटक हैं-
- अभिज्ञान शाकुंतलम्,
- मालविकाग्निमित्र,
- विक्रमोर्वशीय।
कालिदास की सबसे प्रसिद्ध रचनाएं तथा उनमें वर्णित विवरण निम्नलिखित है-
कालिदास को सर्वाधिक प्रसिद्धि नाटक ‘अभिज्ञान शाकुन्तलम’ से मिली है जिसका विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।
कालिदास के दूसरे नाटक ‘विक्रमोवंशीय’ तथा ‘मालविकाग्निमित्र’ भी उत्कृष्ट नाट्य साहित्य के उदाहरण हैं।
उनके केवल दो महाकाव्य उपलब्ध हैं – ‘रघुवंश’ और ‘कुमारसंभव’ वे ही उनकी कीर्ति पताका फहराने के लिए पर्याप्त हैं। काव्यकला की दृष्टि से कालिदास का ‘मेघदूत‘ अतुलनीय है। इसकी सुन्दर सरस भाषा प्रेम और विरह की अभिव्यक्ति तथा प्रकृति से पाठक मुग्ध और भावभिवोर हो उठते हैं।
‘मेघदूत’ का भी विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।
उनका ‘ऋतु संहार’ प्रत्येक ऋतु के प्रकृति चित्रण के लिए ही लिखा गया है। विद्वानों की सहमति से कालिदास का काल प्रथम शताब्दी ई. पू. माना जाता है। इस मान्यता का आधार यह है कि उज्जैयिनी के राजा विक्रमादित्य के शासन काल में कालिदास का रचनाकाल सम्बद्ध है।
कालिदास से संबंधित महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उत्तर
कालिदास किस भाषा के विद्वान थे
कालिदास किस भगवान के भक्त थे
कालिदास की पत्नी का नाम क्या था
महाकवि कालिदास किस शासक के समकालीन माने जाते हैं
कालिदास के काव्य ग्रंथ कौनसे हैं
कालिदास का समय क्या माना जाता है
Reference : https://www.indiaolddays.com