प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल मदुरा
तमिलनाडु प्रांत का वर्तमान मदुरै ही प्राचीनकाल का मदुरानगर था। यहाँ पाण्ड्य राज्य की प्रसिद्ध राजधानी थी। संस्कृत साहित्य में इसे दक्षिणी मथुरा अर्थात् मथुरा कहा गया है। वैगा नदी के दक्षिणी किनारे पर यह नगर बसा था। इस नगर के स्थान पर पहले कदम्बों का एक वन था। इसके पूर्व में ‘मणवूर’ में पहले पाण्ड्यों की राजधानी थी।
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कालान्तर में वन को काटकर पाण्ड्यों ने एक सुन्दर नगर बसाया था अपनी राजधानी मणवूर से लाकर यहाँ बसाई। यह नगर मदुरा कहा गया। इसका एक अन्य नाम कदम्बनव भी था। यहाँ सुन्दरेश्वर का एक भव्य मन्दिर स्थित था। तमिल ग्रंथों से मथुरा नगर की समृद्धि सूचित होती है। यहाँ चौड़ी सड़के थी जिनके दोनों ओर भव्य भवन बने हुए थे। अलग-2 जातियों के लिए यहाँ अलग-2 बस्तियाँ थी। राज्य की ओर से नगर में सार्वजनिक स्नानगृह, विद्यालय, बाजारें, क्रीड़ास्थल तथा व्यायामशालायें बनी हुई थी। नगर के स्वच्छता की ,समुचित व्यवस्था थी।
मदुरा यघपि एक प्राचीन नगर था। तथापि यहाँ के वर्तमान स्मारक 16वीं शती में निर्मित हुए। मीनाक्षी का मन्दिर सर्वप्रमुख था।
References : 1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
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