कलिंग
- सितम्बर- 2021 -20 सितम्बरइतिहास
नागर शैली किसे कहते हैं, नागर शैली की विशेषताएँ
नागर शैली – नागर शैली उत्तर भारतीय हिन्दू स्थापत्य कला की तीन (नागर, बेसर, द्रविङ) शैलियों में से एक शैली है।…
Read More » - 9 सितम्बरइतिहास
दक्षिणी भारत में राजनीतिक विकास
अशोक के अभिलेख में रठिकों का उल्लेख हुआ है। सातवाहन वंश के नागनिका के नानाघाट अभिलेख में महरठियों का उल्लेख…
Read More » - 5 सितम्बरइतिहास
चालुक्य-चोलवंश शासक कुलोत्तुंग प्रथम (1070-1120ई.)
कुलोत्तुंग प्रथम – पूर्वी चालुक्य वंशीय राजेन्द्र द्वितीय या कुलोत्तुंग प्रथम राजराज प्रथम का प्रदौहित्र था। उसकी माता चोल नरेश…
Read More » - 2 सितम्बरइतिहास
कलचुरी राजवंश का इतिहास
कलचुरी राजवंश - कलचुरियों का एक वंश सरयूपार (गोरखपुर) में भी था, परंतु चेदि (जिसका प्राचीन नाम डाहलवंश भी था)…
Read More » - अगस्त- 2021 -23 अगस्तइतिहास
गहङवाल वंश का संस्थापक कौन था
गहङवाल वंश - प्रतिहारों के बाद कन्नौज के वैभव तथा उसकी समृद्धि को गहङवालों ने नया जीवन प्रदान किया। 1080-85…
Read More » - 6 अगस्तइतिहास
सेन वंश का इतिहास
सेन वंश - पाल वंश के बाद साम्राज्य निर्माण द्वारा बंगाल को राजनीतिक नेतृत्व सेन वंश ने प्रदान किया। एक…
Read More » - जनवरी- 2021 -23 जनवरीइतिहास
चंद्रगुप्त मौर्य की उपलब्धियाँ एवं साम्राज्य विस्तार
यह चंद्रगुप्त का सौभाग्य था, कि पंजाब तथा सिंध की राजनीतिक परिस्थितियाँ उसके पूर्णतया अनुकूल थी। सिकंदर के प्रस्थान के…
Read More » - 20 जनवरीइतिहास
मगध महाजनपद का उदय
16 महाजनपदों में मगध सर्वाधिक शक्तिशाली महाजनपद था। मगध का सर्वप्रथम उल्लेख अथर्ववेद में मिलता है। मगध की राजधानी गिरिव्रज/राजगृह…
Read More » - 19 जनवरीइतिहास
महाजनपद महत्त्वपूर्ण तथ्य के बारे में जानकारी
छठी शताब्दी ई.पू. में सोलह महाजनपदों के अस्तित्व का उल्लेख बौद्ध ग्रंथ अंगुत्तर निकाय में प्राप्त होता है। इन महाजनपदों…
Read More » - 18 जनवरीइतिहास
महाजनपदों के बारे में जानकारी
महाजनपद काल प्राचीन भारत में राज्य या प्रशासनिक इकाइयों को कहते थे। उत्तर वैदिक काल में कुछ जनपदों का उल्लेख…
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