प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल एलीफेंटा
बम्बई के समुंद्र में सात मील उत्तर – पूर्व की दूरी पर एलीफेन्टा नामक छोटा-सा द्वीप स्थित हैं। यहाँ दो पहाड़ियाँ है। जिनके बीच में एक सँकरी घाटी है। पहले इस स्थान का नाम पुरी था। यहाँ कोंकण के मौर्यों की राजधानी थी।
ऐहोल लेख से पता चलता है कि पुलकेशिन् द्वितीय ने इस स्थान को जीता था। 16वीं शती में बम्बई तट पर बसने वाले पुर्तगालियों ने यहाँ से प्राप्त हाथी की एक विशाल मूर्ति कारण इस द्वीप का नाम एलीफेन्टा (Elephanta)रख दिया।
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एलीफेन्टा पहाड़ियाँ से पाँच गुफाएँ प्राप्त होती हैं। जिनका समय 5वी. – 6वी. शता. ईस्वी है। इनमें हिन्दू धर्म से सम्बन्धित मूर्तियाँ, विशेषकर शिव सामग्री प्राप्त होती है। इनमें त्रिमुर्ति शिव की प्रतिमा सबसे प्रसिद्ध है जिन्हे तीन विभिन्न रूपों में दिखाया गया है। महायोगी, नटराज, भैरव, अर्धनारीश्वर, कैलाश- धारी, रावण आदि की मूर्तियाँ भी कलात्मक दृष्टि से उच्चकोटि की है। एलिफैन्टा की शिल्पकारी अजन्ता और एलौरा के ही समान है। पुर्तगाली शासन में यहाँ के अधिंकाश चित्र नष्ट हो गये।
References : 1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
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