स्कंदगुप्त का साम्राज्य विस्तार
स्कंदगुप्त के सिक्कों और अभिलेखों के व्यापक प्रसार से पता चलता है,कि उसने अपने पिता कुमारगुप्त प्रथम एवं पितामह चंद्रगुप्त द्वितीय के साम्राज्य को पूर्णतया अक्षुण्ण बनाये रखा।
जूनागढ लेख सुराष्ट्र प्रांत पर स्कंदगुप्त के अधिकार की पुष्टि करता है। उसकी विविध प्रकार की रजत मुद्राओं से पता चलता है,कि साम्राज्य के पश्चिमी भाग पर उसका अधिकार था।
गरुङ प्रकार के सिक्के पश्चिमी भारत, वेदी प्रकार के सिक्के भारत तथा नंदी प्रकार के सिक्के काठियावाङ में प्रचलित करवाने के निमित्त उत्कीर्ण करवाये गये थे।
इस प्रकार संपूर्ण उत्तर भारत पर उसका आधिपत्य था। उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में नर्मदा नदी तक तथा पूर्व में बंगाल से लेकर पश्चिम में सुराष्ट्र तक के विस्तृत भूभाग पर शासन करने वाला वह अंतिम महान गुप्त सम्राट था।
Reference : https://www.indiaolddays.com