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व्यक्तिगत सत्याग्रह किसने किया था

अगस्त प्रस्तावों (August Proposal)को पूरी तरह अस्वीकार करते हुए कांग्रेस(Congress) ने व्यक्तिगत सत्याग्रह (Individual satyagraha) गांधी के नेतृत्व में 1940 में शुरू करने का निर्णय लिया। व्यक्तिगत सत्याग्रह ब्रिटिश सरकार की भारत नीति के प्रति नैतिक विरोध की प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति थी।

इस सत्याग्रह कि सबसे बड़ी बात यह थी कि इसमें महात्मा गाँधी द्वारा चुना हुआ, सत्याग्रही पूर्व निर्धारित स्थान पर भाषण देकर अपनी गिरफ्तारी देता था। अपने भाषण से पूर्व सत्याग्रही अपने सत्याग्रह की सूचना जिला मजिस्ट्रेट को भी देता था।

व्यक्तिगत सत्याग्रह की शुरूआत

3 सितम्बर, 1939 को भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड लिनलिथगो ने यह घोषणा की, कि भारत भी द्वितीय विश्व युद्ध में सम्मिलित है। वायसराय ने इस घोषणा से पूर्व किसी भी राजनीतिक दल से परामर्श नहीं किया। इससे कांग्रेस असंतुष्ट हो गई। महात्मा गाँधी ने भी ब्रिटिश सरकार की युद्धनीति का विरोध करने के लिए सन 1940 में अहिंसात्मक ‘व्यक्तिगत सत्याग्रह’ आरम्भ किया।

व्यक्तिगत सत्याग्रह की शुरूआत ( प्रथम चरण ) 17 अक्टूबर,1940 को हुई।

प्रथम सत्याग्रही

प्रथम सत्याग्रही के रूप में महात्मा गांधी ने विनोभा भावे को मनोनीत किया। दूसरे सत्याग्रही पं. जवाहरलाल नेहरू थे।

दो चरण में चलने वाले व्यक्तिगत सत्याग्रह का दूसरा चरण 5 जनवरी, 1941 को शुरू हुआ।

इस सत्याग्रह में कुल करीब 25,000 सत्याग्रही जेल गये, जिसमें कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और संविधान मंडलों के सदस्य भी शामिल थे।

Reference : https://www.indiaolddays.com/

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