अलाउद्दीन खिलजीइतिहासखिलजी वंशदिल्ली सल्तनतमध्यकालीन भारत

अलाउद्दीन खिलजी (1296-1316ई.)का इतिहास

अलाउद्दीन खिलजी शक्ति, सत्ता व राजत्व के संबंध में अलाउद्दीन सफल हुआ। उसने मानवीय भावनाओं की उपेक्षा कर गद्दी प्राप्त की थी। उनकी पहली समस्या थी राज्य को हङपने के इस कृत्य का औचित्य जनता की दृष्टि में स्थापित करना और वह स्नेह और स्वामिभक्ति प्राप्त करना जो किसी भी शासन की सफलता के प्रमुख तत्व थे।

अलाउद्दीन खिलजी

एकीकरण, ठोस प्रशासन, दृढ सुरक्षा और स्वतंत्र राज्यों को जीतना उसकी नीति के प्रमुख आधार थे। जलालुद्दीन के पुत्र अभी जीवित थे और उनके खतरे से बचने के लिए उन्हें समाप्त करना आवश्यक था। अलाउद्दीन को ऐसे अमीर वर्ग से निपटना था जो सिंहासन के विरुद्ध षङयंत्र करने के अभ्यस्त थे। उसे मंगोलों के विरुद्ध भी सीमा की सुरक्षा की समस्या को सुलझाना था। स्थानीय व केंद्रीय प्रशासन में सुधारों की आवश्यकता थी। वह एक ऐसी प्रशासनिक एकता प्रदान करने में सफल हुआ जो मध्ययुगीन यातायात और परिवहन के उपलब्ध साधनों के अंतर्गत हो सकती थी। यद्यपि वह जघन्य हत्या के सहारे गद्दी पर आया था तथापि वह एक धीर, सावधान, साहसी, कठोर और सफल नियोजक व संगठनकर्त्ता सिद्ध हुआ। अलाउद्दीन के समकालीन अमीर खुसरो और उनके परवर्ती इसामी दोनों ने अलाउद्दीन को एक भाग्यशाली व्यक्ति कहा है।

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