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इंग्लैण्ड के वाणिज्यवादी कानून- शुगर एक्ट, स्टाम्प कानून, करेन्सी कानून, क्वाटरिंग कानून

इंग्लैण्ड के वाणिज्यवादी कानून

इंग्लैण्ड के वाणिज्यवादी कानून (inglaind ke vaanijyavaadee kaanoon)

राजा जार्ज तृतीय के समय इंग्लैण्ड के प्रधानमंत्री ग्रेनविल ने 1763 ई. में यह निष्कर्ष निकाला कि अमेरिका पर होने वाले व्यय की तुलना में वहां से प्राप्त आय कम है। अतः उसने अमेरिका के संबंध में नवीन योजना बनाई, जिसमें प्रत्यक्ष कर लगाने, तस्कर व्यापार रोकने और अमेरिका में स्थायी सेना रखने के प्रस्ताव थे।

ग्रेनविल ने अमेरिका में प्रत्यक्ष करारोपण हेतु चार कानून बनाये। जो निम्नलिखित हैं-

शुगर एक्ट (1764ई.)

इंग्लैण्ड के अतिरिक्त अन्य देशों से आने वाले शीरे या शक्कर पर रोक लगा दी गयी। शीरे पर चुंगी कम कर दी गयी। इस कानून का कठोरता से पालन करने के आदेश दिये गए। अमेरिका के व्यापारी शीरा या इसके उत्पादन शक्कर व रम आदि फ्रांसिसी और डच उपनिवेशों से मंगाते थे जो सस्ता पङता था। उस पर आयात कर भी नहीं था। इस कानून से अमेरिका के व्यापारी महंगी दर पर इंग्लैण्ड का शीरा व शक्कर खरीदने को बाध्य थे। इंग्लैण्ड के शीरा उत्पादकों को इससे लाभ था। शीरा या शक्कर की तस्करी रोकने हेतु, समुद्र में ब्रिटिश जलपोतों को आदेश दिये गए। अमेरिका में इस कानून के विरुद्ध भारी प्रतिक्रिया हुई। मात्र 6 माह में अमेरिका के लोग दुःखी हो गए।

स्टाम्प एक्ट (1765ई.)

इस कानून द्वारा अमेरिका में अदालती व गैर अदालती अनुबद्ध पत्रों, अनुज्ञापत्रों, विज्ञापनों, पंजीकरण एवं अन्य सभी प्रकार के दस्तावेजों के लिये स्टाम्प पत्रों का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया गया। ये स्टाम्प-पत्र दो पेन्स से लेकर 6 पौण्ड मूल्य के थे। इस कानून को भी कठोरता पूर्वक लागू किया गया। उल्लंघन कर्त्ताओं को नौसैनिक न्यायालयों द्वारा सीधे ही दंडित किया जाने लगा। अमेरिका में इसका भारी विरोध हुआ।

अमेरिका में अनेक स्थानों पर स्वतंत्रता के पुत्र और स्वतंत्रता की पुत्रियां नामक संगठन बने। सेम्युअल एडम्स ने इसे अमेरिका के लोगों को इंग्लैण्ड का गुलाम बनाये जाने की चाल बताया। वर्जीनिया के पेट्रिक हेनरी वर्गीस ने भी इसका विरोध किया। न्यूयार्क में विरोध प्रदर्शन हेतु आयोजित सम्मेलन में नारा दिया गया कि बिना अमेरिकी प्रतिनिधित्व के कर नहीं। जिस संसद ने कानून बनाया उसमें अमेरिकी प्रतिनिधित्व नहीं है। अतः उसके द्वारा बनाया गया कानून स्वीकार नहीं किया जा सकता।

अमेरिकी व्यापारियों ने इंग्लैण्ड के साथ आयात बंद कर दिया, जिससे ब्रिटिश व्यापारियों को हानि होने लगी। 1765 ई. में ग्रेनविल सरकार का पतन और नई बकिंघम सरकार ने स्टाम्प कानून को रद्द कर दिया लेकिन अमेरिका में कानून बनाने के ब्रिटिश सरकार के इरादों के प्रति चौकन्ना कर दिया और वे संगठित होने लगे जो स्वातंत्र्य युद्ध हेतु सहायक सिद्ध हुआ।

करेन्सी कानून (1765ई.)

करेन्सी कानून द्वारा अमेरिका में केवल अंग्रेजी मुद्रा का प्रयोग करने को बाध्य किया गया। अमेरिकी उपनिवेशों में दूसरे देसों के साथ प्रचलित हुण्डी और कागजी मुद्रा पर रोक लगा दी गयी। इसका उद्देश्य अमेरिकी व्यापारियों द्वारा केवल अंग्रेजी मुद्रा का प्रयोग करना था ताकि इंग्लैण्ड के व्यापार एवं लाभ में वृद्धि हो। यह कानून भी अमेरिकी लोगों को असह्य हुआ।

क्वाटरिंग कानून

धन वसूली के एक और उपाय के तहत इंग्लैण्ड की सरकार ने अमेरिका में स्थापित अंग्रेजी सेनाओं के रख-रखाव हेतु किए जाने वाले व्यय का कुछ लाभ अमेरिका के लोगों से वसूल करने की योजना बनाई। न्यूयार्क में जनरल गेंज द्वारा बनाई गई अंग्रेजी सैनिक छावनी पर हुए व्यय की पूर्ति अमेरिका के लोगों से करना चाहा, जिसे अमेरिका वासियों ने अस्वीकार कर दिया।

इस करारोपण ने अमेरिकावासियों को चुपचाप बैठे न रहने हेतु प्रेरित किया। उनका तर्क था कि इंग्लैण्ड की संसद को अमेरिका के लोगों पर कर थोपने का अधिकार नहीं है।

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