इतिहासप्राचीन भारत

बौद्ध विहार किसे कहते हैं

बौद्ध मतानुयायीयों के प्रार्थना स्थलों को या मठों को विहार कहा गया है। विहारों में बुद्ध प्रतिमा होती है। विहार वह स्थान हैं, जहाँ बौद्ध भिक्षु निवास करते हैं।

उच्च शिक्षा में धार्मिक विषयों के अलावा अन्य विषय भी पढाये जाते थे, और इसका केन्द्र बौद्ध विहार थे। इन विहारों में सबसे प्रसिद्ध, विहार बिहार का नालन्दा विश्वविद्यालय था।

साँची का बौद्ध विहार

अन्य शिक्षा के केन्द्र विक्रमशिला और उद्दंडपुर थे। ये भी बिहार में ही थे। इन केन्द्रों में दूर-दूर से, यहाँ तक की तिब्बत से भी, विद्यार्थी आते थे। यहाँ शिक्षा नि:शुल्क प्रदान की जाती थी। इन विश्वविद्यालयों का खर्चा शासकों द्वारा दी गई मुद्रा और भूमि के दान से चलता था। नालन्दा को दो सौ ग्रामों का अनुदान प्राप्त था।

बौद्ध विहार हमेशा ही बौद्ध संस्कृति के सबसे बेहतरीन केंद्रों में से एक माना गया है। यह विहार बौद्ध भिक्षुओं के निवास स्थान के रूप में प्रयोग किया जाता था और यह लकड़ी की नक्काशियों से नहीं बनाया गया था। विहार के अंदर सामुदायिक गतिविधियों के लिए बहुत बड़ी जगह है।

यह विहार साँची से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और मध्यप्रदेश के महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों में से एक माना जाता है। विहार में सतधारा स्तूपों के अवशेष हैं। विहार के भीतरी कक्ष में एक मंच पर कांच के चेंबर में सभी अवशेषों को सुरक्षित रखा गया है।

Reference : https://www.indiaolddays.com

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