इतिहासप्राचीन भारतवर्द्धन वंशहर्षवर्धन

बाणभट्ट के बारे में जानकारी

बाण थानेश्वर के वर्धन वंश के प्रमुख नरेश हर्ष के प्रमुख दरबारी कवि थे। यह विद्वान सातवीं शताब्दी के संस्कृत गद्य का लेखक और कवि था। बाणभट्ट ने हर्षचरित, कादंबरी और पार्वती परिणय के रचना की है। इनके दो प्रमुख ग्रंथ हैं, जो संस्कृत भाषा में रचित हैं: हर्षचरितम् तथा कादम्बरी। हर्षचरितम् , राजा हर्षवर्धन का जीवन-चरित्र था और कादंबरी दुनिया का पहला उपन्यास था।

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थानेश्वर के वर्धन वंश की जानकारी के प्रमुख एतिहासिक स्रोत

बाणभट्ट द्वारा रचित प्रमखु कृतियाँ

इस ग्रंथ के द्वारा ऐतिहासिक विषय पर गद्यकाव्य लिखने का पहली बार प्रयास किया गया। यह एक आख्यायिका है, जिसमें लेखक अपने समकालीन शासक तथा उसके पूर्वजों के जीवनवृत का वर्णन प्रस्तुत करता है। …अधिक जानकारी

इसकी कथा सम्भवतः गुणाढ्य द्वारा रचित  वृहद्कथा के राजा सुमानस की कथा से ली गयी है। यह ग्रन्थ बाणभट्ट के जीवनकाल में पूरा नहीं हो सका। बाभट्ट की मृत्यु के बाद उनके पुत्र भूषणभट्ट (या पुलिन्दभट्ट) ने इसे पूरा किया और बाणभट्ट द्वारा लिखित भाग का नाम ‘पूर्वभाग‘ एवं भूषणभट्ट द्वारा लिखित भाग का नाम ‘उत्तरभाग‘ रखा। …अधिक जानकारी

References :
1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
2. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास, लेखक-  वी.डी.महाजन 

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