प्राचीन भारतइतिहासगुप्त काल

भानुगुप्त का इतिहास

भानुगुप्त भारत पर राज्य करने वाले प्रसिद्ध गुप्त राजवंश के गुप्त सम्राटों में से एक था। इसका उल्लेख एरण शिलालेख में तथा मञ्जुश्रीमूलकल्प नामक ग्रन्थ में मिलता है।

YouTube Video

एरण प्रस्तर स्तंभ लेख –

  • ‘एरण’ जो कि मध्य प्रदेश के सागर जिले में विदिशा के निकट बेतवा नदी के किनारे स्थित है। वहाँ से एक अभिलेख प्राप्त हुआ है, जो 510 ई. का है। इसे भानुगुप्त का अभिलेख कहते हैं।
  • इसमें भानुगुप्त को संसार का सर्वश्रेष्ठ वीर (जगति प्रवीरो) तथा महान राजा कहा गया है। यह लेख उसके मित्र गोपराज का भी उल्लेख करता था। गोपराज हूणों के विरुद्ध भानुगुप्त की ओर से लङता हुआ मारा गया तथा उसकी पत्नी अन्नि में जल कर मर गयी। जो इतिहास में प्रथम सती होने का प्रमाण है।
  • यह लेख युद्ध के परिणाम का उल्लेख नहीं करता। रायचौधरी का अनुमान है,कि बुधगुप्त के बाद पूर्वी मालवा में जो हूणसत्ता स्थापित हुई, उसी का अंत करने के लिये भानुगुप्त ने यह युद्ध किया और इसमें उसे सफलता प्राप्त हुई। इस युद्ध को स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी गयी है।

हूणों का प्रथम आक्रमण किस गुप्त शासक के काल में हुआ था?

Note :

प्रथम सती होने का प्रमाण 510 ई. के भानु गुप्त के एरण के अभिलेख से मिलता है, जिसमें किसी गोपराज नामक सेनापति की मृत्यु पर उसकी पत्नी के सती होने का उल्लेख है।

Reference : https://www.indiaolddays.com

Related Articles

error: Content is protected !!