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बोस्टन टी पार्टी की घटना क्या थी?

बोस्टन टी पार्टी

बोस्टन टी पार्टी (Boston tea party)

बोस्टन टी पार्टी ब्रिटिश उपनिवेश मैसाचुसेट्स के एक उपनिवेश बॉस्टन के उपनिवेशवासियों द्वारा ब्रिटिश सरकार के खिलाफ प्रत्यक्ष कार्यवाही थी। 1773 को जब बॉस्टन के अधिकारियों द्वारा करयुक्त चाय के तीन जहाज़ों को ब्रिटेन को लौटाने से इंकार कर दिया गया तो, उपनिवेशवासियों का एक समूह जहाज पर सवार हुआ और चाय को बॉस्टन हार्बर में फेंक कर नष्ट कर दिया गया। यह घटना अमेरिकी इतिहास की एक प्रमुख घटना है।

बोस्टन टी पार्टी

टाऊन शैड द्वारा लगाये गए कर हटा लिये गए थे, केवल चाय पर 3 पेन्स प्रति पौण्ड कर रह गया था। अमेरिका का धनी एवं व्यापार वर्ग ब्रिटिश विरोधी विद्रोह, बहिष्कार एवं अशांति नहीं चाहता था क्योंकि उन्हें व्यापार में हानि हो रही थी, जबकि राष्ट्रवादी अमेरिकी लोग, जिनमें अतिवादी देशभक्त एवं बौद्धिक वर्ग के लोग शामिल थे, वे चाहते थे कि चाय पर लगाया गया कर भी हटाया जाना चाहिए, अन्यथा यह गुलामी का प्रतीक रहेगा। अतः विरोध जारी रहना चाहिये।

इंग्लैण्ड के व्यापारी भारत आदि देशों से चाय इंग्लैण्ड मंगाते थे और फिर अमेरिका भेजते थे। लार्ड नार्थब्रुक ने ईस्ट इंडिया कंपनी को सीधे भारत से अमेरिका चाय ले जाने की छूट दे दी, ताकि अमेरिका में चाय सस्ती हो और चाय पर अंग्रेजी एकाधिकार बना रहे। अमेरिका के व्यापारियों ने अमेरिका में इंग्लैण्ड के माल का क्रय-विक्रय बहिष्कृत कर रखा था। अतः चाय की तस्करी होने लगी। लार्ड नार्थब्रुक की चाय नीति का अमेरिका के राष्ट्रवादियों ने विरोध किया। अनेक स्थानों पर सभायें आयोजित की गयी।

मैसाचुसेट्स के बोस्टन (बंदरगाह) नगर में विरोध अत्यन्त उग्र था। 16 सितंबर, 1773 ई. को सेम्युअल एडम्स के नेतृत्व में अमेरिकी राष्ट्रवादी, कुलियों के वेष में बंदरगाह पर खङे चाय से लदे जहाजों में घुस गए और चाय से भरी 340 पेटियां समुद्र में फेंक दी। इस घटना को बोस्टन टी पार्टी भी कहा जाता है। ब्रिटिश अधिकारियों ने बोस्टन के नगरवासियों से क्षतिपूर्ति की मांग की, न देने पर बोस्टन बंदरगाह को बंद कर देने का आदेश दिया। अमेरिका के राष्ट्रवादियों ने इसे उनके राष्ट्रीय सम्मान, स्वाभिमान और स्वाधीनता पर प्रहार माना। बोस्टन का विद्रोह हिंसात्मक हो गया। बोस्टन के इस चाय काण्ड ने इंग्लैण्ड के विरुद्ध विद्रोह भङकाया, जो अमेरिकी स्वातंत्र्य युद्ध में परिणित हुआ।

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