सैनिक स्कूल में प्रवेश प्रक्रिया

कैसे, कब और कौनसी क्लास में सैनिक स्कूल में आवेदन करें।

  • छठी और नौवीं कक्षा से मिलता है प्रवेश।

देशभर के सैनिक स्कूल, रक्षा मंत्रालय के तहत ‘सैनिक स्कूल सोसायटी‘ द्वारा संचालित किए जाते हैं। इसका मकसद हमारी रक्षा अकादमियों में होने वाली भर्ती में क्षेत्रीय असंतुलन से छुटकारा पाना था। इसके अलावा इन स्कूलों के माध्यम से ऐसे युवाओं को चुनना था जो यहां से निकलकर देश की सेवा में भागीदार बन सकें। इन स्कूलों में प्रवेश लेने के लिए कुछ शर्तें हैं। जैसे कि सैनिक स्कूलों में सिर्फ लड़कों को प्रवेश दिया जाता है। यदि आप अपने बेटे का सैनिक स्कूल में दाखिला करवाना चाहते हैं तो उसके छठी व नौवीं कक्षा में पढ़ने के दौरान ही प्रवेश दिला सकते हैं। इस दौरान बच्चे की आयु 10 से 12 वर्ष और 13 से 15 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके लिए सैनिक स्कूल सोसायटी द्वारा प्रति वर्ष प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। रक्षा अकादमी (NDA) और भारतीय नौसेना अकादमी (INA) के आज पूरे भारत में ऐसे 33 स्कूल हैं। ये स्कूल संबंधित राज्य सरकारों और रक्षा मंत्रालय के दायरे में आते हैं। अधिक जानकारी सैनिक स्कूल से प्राप्त करें।

भारत के तत्कालीन रक्षा मंत्री वी.के. कृष्ण मेनन ने 1961 में सैनिक स्कूलों की परिकल्पना की थी। इसका उद्देश्य था कि छात्र यहां पढ़कर हमारी जल-थल-नभ सेनाओं में सीधे प्रवेश कर सकें।

प्रवेश परीक्षा

  • सैनिक स्कूल में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा हर साल जनवरी में होती है।
  • सैनिक स्कूल सोसायटी या सैनिक स्कूल एडमिशन की आधिकारिक वेबसाइट www.sainikschooladmission.in पर जाकर आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।

स्कूल मीडियम 

  • सैनिक स्कूल पूरी तरह से आवासीय तथा इंग्लिश मीडियम के स्कूल होते हैं।
  • इन स्कूलों में सीबीएसई, नई दिल्ली से संबद्ध पाठ्यक्रम द्व्रारा पढ़ाया जाता है।
  • प्रत्येक स्कूल में फैकल्टी की कोई कमी नहीं होती है।
  • यहां सभी तरह का प्रशिक्षण देने के लिए व्यापक बुनियादी ढांचा और जमीन है, ताकि कैडेट्स को अनुकूल वातावरण में ढाला जा सके।

सैनिक स्कूल खोलने के उद्देश्य

  • समाज के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के बच्चों को राष्ट्र के सशस्त्र बलों और अन्य प्रसिद्ध व्यवसायों में एक अधिकारी के रूप में शानदार कॅरियर बनाने में सक्षम बनाता है। यह स्कूल कैडेटों के सर्वांगीण विकास पर जोर देता है।
  • यहां छात्रों को देश की रक्षा सेवाओं में अधिकारियों के रूप में नेतृत्व करने के लिए तैयार किया जाता है।
  • छात्रों में शरीर, मन और चरित्र के गुण यहां विकसित किए जाते हैं, ताकि आज के छात्र कल के अच्छे और उपयोगी नागरिक बन सकें। साथ ही वे अपने माता-पिता और राष्ट्र की अपेक्षाओं पर खरा उतर सकें।
  • ग्रामीण बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के साथ ही उनमें देशप्रेम की भावना जगाना। गरीब परिवार के बच्चे यदि वे टैलेंटेड हैं तो उन्हें हर तरह की सहायता कर आगे बढ़ाना।

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