गुप्त काल के प्रसिद्ध मंदिर
गुप्तयुगीन वास्तुकला के सर्वोत्तम उदाहरण मंदिर हैं। वस्तुतः मंदिर के अवशेष हमें इसी काल से मिलने लगते हैं। गुप्तकालीन प्रमुख मंदिर निम्नलिखित हैं-
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साँची का मंदिर

सांची भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले, में बेतवा नदी के तट स्थित एक छोटा सा गांव है। यहां कई बौद्ध स्मारक हैं, जो तीसरी शताब्दी ई.पू. से बारहवीं शताब्दी के बीच के काल के हैं। …अधिक जानकारी
तिगवा का विष्णु मंदिर

तिगवा मध्य प्रदेश के कटनी जिले का एक गाँव है जहाँ एक प्राचीन पुरातात्विक स्थल है जिसमें कई हिन्दू मन्दिरों के भग्नावशेष विद्यमान हैं। …अधिक जानकारी
एरण का विष्णु मंदिर

मध्य प्रदेश के सागर जिले में एरण नामक स्थान पर गुप्त काल में विष्णु का एक मंदिर बना था, जो अब ध्वस्त हो चुका है। मंदिर के गर्भगृह का द्वार तथा उसके सामने खङे दो स्तंभ आज अवशिष्ट हैं। …अधिक जानकारी
नचना-कुठार का पार्वती मंदिर

मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में अजयगढ के समीप नचना कुठार नामक स्थान पर यह मंदिर प्राप्त होता है। इसका निर्माण वर्गाकार चबूतरे पर किया गया है। गर्भगृह आठ फुट चौङा है, जिसके चारों ओर ढका हुआ बरामदा है। …अधिक जानकारी
भूमरा का शिव मंदिर

मध्य प्रदेश के सतना जिले में भूमरा नामक स्थान से पाषाण निर्मित एक गर्भगृह प्राप्त हुआ। इसके प्रवेशद्वार पर गंगा-यमुना की आकृतियाँ बनी हुई हैं। इसके द्वार की चौखट भी अलंगरणों से सजायी गयी हैं। …अधिक जानकारी
देवगढ का दशावतार मंदिर

उत्तर प्रदेश के ललितपुर (प्राचीन झांसी) जिले में देवगढ नामक स्थान से यह मंदिर प्राप्त हुआ है।गुप्त काल के सभी मंदिरों में देवगढ का दशावतार मंदिर सर्वाधिक सुंदर है, जिसमें गुप्त मंदिरों की सभी विशेषतायें प्राप्त हो जाती हैं। …अधिक जानकारी
भीतरगाँव का मंदिर

भीतरगाँव का मंदिर उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण ईंटों से किया गया है। मंदिर एक वर्गाकार चबूतरे पर बनाया गया है। …अधिक जानकारी
उपर्युक्त प्रमुख मंदिरों के अलावा राजस्थान के कोटा से मुकुंद दर्रा (कोटा का दर्रा) मंदिर प्राप्त हुआ है, जिसे प्रारंभिक गुप्त मंदिर का प्रमुख उदाहरण माना जा सकता है। इसका निर्माण एक ऊँचे आयताकार चबूतरे पर किया गया है, जिस पर चढने के लिये सीढियाँ बनी हैं। इसका गर्भगृह चार स्तंभों पर टिका है, तथा उसके सम्मुख स्तंभयुक्त मुखमंडप है।
गुप्तकालीन मंदिर ईंट-पत्थर से बने प्राचीनतम संरचनात्मक मंदिर हैं। ये आकार-प्रकार में छोटे हैं। इनमें वर्गाकार गर्भगृह तथा लघु आकार का मंडप मिलता है, जिसमें उपासकों के बैठने के लिये कोई स्थान नहीं था। ये पूर्व मध्यकालीन मंदिरों से भिन्न हैं, जिनमें उत्तुंग शिखर तथा विशाल मंडप बनाये जाते थे। फिर भी देवगढ मंदिर को देखने से ऐसा लगता है, कि शिखर तथा मंडप शैली में संक्रमण प्रारंभ हो चुका था।
गुप्त काल के प्रसिद्ध मंदिरों से संबंधित महत्त्वपू्र्ण प्रश्न एवं उत्तर
There is no question
गुप्त काल में बना ईंटों से प्रसिद्ध मंदिर कौनसा है
भीतरगाँव का मंदिर कहाँ स्थित है
देवगढ का दशावतार मंदिर कहाँ स्थित है
ईंट निर्मित भवन का सबसे प्राचीन उदाहरण प्रस्तुत करने वाला मंदिर कौनसा है
Reference : https://www.indiaolddays.com