प्राचीन भारतइतिहास

नासिक गुहा अभिलेख किस शासक का है

नासिक गुफा से पुलुमावि के शासन के दूसरे, छठें, उन्नीसवें तथा बाईसवें वर्ष के लेख मिलते हैं। इन लेखों का प्रकाशन सर्वप्रथम 1865ई. में आर्थर वेस्ट तथा एडवर्ड वेस्ट द्वारा जर्नल ऑफ द बांबे ब्रांच ऑफ राजल एशियाटिक सोसायटी, खंड 7 में करवाया गया है।

वासिष्ठीपुत्र पुलुमावी का इतिहास।

नासिक लेखों की भाषा प्राकृत तथा लिपि ब्राह्मी है। यह गुहा लेख वासिष्ठीपुत्र पुलुमावी का है। पुलुमावी के नासिक लेखों में उसके शासन के 19 वें वर्ष का लेख सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है। सातवाहनों की उत्पत्ति तथा उनके सुप्रसिद्ध शासक गौतमीपुत्र शातकर्णी की उपलब्धियों पर प्रकाश डालने वाला यह एकाकी लेख है। इस लेख का उद्देश्य गौतमीपुत्र शातकर्णी की माता तथा पुलुमावी की दादी गौतमी बलश्री द्वारा भदावनीय भिक्षु संघ को एक गुहा तथा उसके अलंकरण के लिये पुलुमावी द्वारा पिशाचीपदक गाँव, सभी प्रकार के उपभोगों के अधिकारों का त्याग करके यहाँ के भदावनीय भिक्षुसंघ को दान में दिये जाने का उल्लेख करना है।

सातवाहन वंश का इतिहास।

गौतमीपुत्र शातकर्णी।

उपरोक्त लेख के बाद पुलुमावी के शासनकाल के 22वें वर्ष का लेख इसी गुफा में खुदा हुआ है। इसमें सुदर्शन तथा शाल्मली पद्र गांवों के दान में दिये जाने का उल्लेख है। सुदर्शन गांव को पहले गुफा की देखभाल के निमित दान में दिया गया था। किसी कारण उसके बदले शाल्मलीपद्र गांव को पुलुमावी ने उसी वर्ष दान में दिया, किन्तु उसे लिपिबद्ध नहीं कराया गया था।

Reference : https://www.indiaolddays.com/

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