प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल :अमरावती
आन्ध्रप्रदेश के गुन्टूर जिले में कृष्णा नदी के तट पर स्थित अमरावती नामक नगर प्राचीन काल में आन्ध्र प्रदेश की राजधानी था। सातवाहन वंश के राजा शातकर्णि प्रथम ने यहाँ अपनी राजधानी बसाई थी। सातवाहन काल में यह प्रसिद्ध सांस्कृतिक एवं आर्थिक केन्द्र था।
सातवाहनों की सांस्कृतिक उपलब्धियाँ।

सातवाहन शासकों के समय में अमरावती में प्रसिद्ध बौद्धस्तूप का निर्माण करवाया था जो 13 शती तक अनेक बौद्ध यात्रियों के आकर्षण का केन्द्र बना रहा। दुर्भाग्यवश यह स्तूप आज अपने स्थान से नष्ट हो गया है किन्तु उसके अवशेष कलकत्ता, मद्रास एवं लंदन के संग्रहालयों में सुरक्षित हैं।
सर्वप्रथम 1797 ई. में मैकेन्जी महोदय ने इस स्तूप का पता लगाया था। स्तूप की वेष्टिनी (Railing) संगमरमर की थी तथा उसके गुम्बद को भी संगमरमर की पट्टियों से जड़ा गया था। वेष्टिनी के ऊपर जातक कथाओं के अनेक दृश्यों को उत्कीर्ण किया गया है। शिलापट्टों पर बुद्ध के जीवन की विविध घटनाओं अंकित है। स्तूप की वास्तु तथा तक्षण सातवाहन कला के चर्मोत्कर्ष के सूचक है।
धार्मिक केन्द्र होने के साथ-2 अमरावती एक प्रसिद्ध व्यापारिक नगर भी था। समुन्द्र से कृष्णा नदी होकर अनेक व्यापारिक जलपोत यहाँ पहुँचते थे। वस्तुत: इसकी समृद्धि का सबसे बड़ा कारण इसका व्यापार ही था।
आन्ध्र सातवाहन शासक के बाद अमरावती कई सदियों तक इक्ष्वाकु राजाओं की राजधानी रही। बाद में इसका स्थान नागार्जुनकोंड ने ग्रहण कर लिया।
References : 1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
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