प्राचीन भारतइतिहाससातवाहन वंश

सातवाहन वंशः महत्त्वपूर्ण तथ्य

सातवाहनों की राजकीय भाषा प्राकृत थी। सातवाहनों ने मौर्य प्रशासन के तत्वों को बनाये रखा। संपूर्ण मौर्योत्तर काल में विदेश व्यापार से सर्वाधिक लाभ सातवाहन शासकों द्वारा उठाया गया।

सातवाहन शासकों ने ही पहली बार धार्मिक क्षेत्र में भूमि-अनुदान देने की प्रथा प्रारंभ करी।

इस अनुदान में दान प्राप्त करने वाले को संबंधित भूमि से केवल राजस्व की प्राप्ति होती थी। यह भूमि अनुदान स्थानांनतरणीय था। वंशानुगत नहीं था। इस प्रथा से ही कालांतर में सामंतवादी प्रणाली की शुरुआत हुई।

सातवाहन शासकों ने ब्राह्मण धर्म के अलावा बौद्ध और जैन धर्मों को भी प्रश्रय दिया, इनके काल में अनेक चैत्य, विहार और स्तूप बने।

Reference : https://www.indiaolddays.com/

Related Articles

error: Content is protected !!