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प्रथम आंग्ल मैसूर युद्ध की समाप्ति किस संधि से हुई

अन्य संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य-

प्रथम आंग्ल मैसूर युद्ध(1767-69ई.)-

प्रथम आंग्ल मैसूर युद्ध अंग्रेजो और हैदर अली के बीच 1767 से 1769 ई. तक हुआ,जिसका कारण मद्रास में अंग्रेज़ों की आक्रामक नीतियाँ थीं।

यह युद्ध अंग्रेजों की आक्रामक नीति का परिणाम था।हैदरअली ने अंग्रेजों को करारा जवाब देने के उद्देश्य से मराठे तथा निजाम से संधि कर एक संयुक्त सैनिक मोर्चा बनाया।

हैदरअली के नेतृत्व वाले मोर्चे ने अंग्रेजों के मित्र राज्य कर्नाटक पर आक्रमण किया परंतु 1767ई. में हैदर और निजाम तिरुवन्नमलई, संगम में पराजित हुए।

निजाम हैदर का साथ छोङकर अंग्रेजों की ओर हो गया।हैदर ने मंगलौर पर आक्रमण कर बंबई से आई प्रशिक्षित अंग्रेजी सेना को पराजित किया और उन्हें मद्रास तक पिछे धकेल दिया।

मद्रास की संधि-

1769ई. में अंग्रेजों ने हैदर अली की शर्तों पर मद्रास की संधि की जिसकी शर्तों के अनुसार दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के जीते हुए क्षेत्रों को छोङ दिया।

संधि की शर्तें संधि की शर्तों के अनुसार दोनों पक्षों ने जीते गए भू-भाग लौटा दिए और अंग्रेज़ों ने विवशता में हैदर अली की शर्तों पर 4 अप्रैल, 1769 को मद्रास की संधि कर ली। संधि की शर्तों के अनुसार यह एक प्रतिरक्षात्मक संधि थी। दोनों पक्षों ने एक दूसरे के जीते हुए क्षेत्रों को वापस किया, परन्तु हैदर अली ने ‘करुर‘ के क्षेत्र को वापस नहीं किया। अंग्रेज़ों ने हैदर अली पर किसी और के आक्रमण के समय रक्षा करने का वायदा किया।
इस तरह प्रथम आंग्ल – मैसूर युद्ध समाप्त हुआ।

Reference :https://www.indiaolddays.com/

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