प्राचीन भारतइतिहासपुष्यमित्र शुंगशुंग वंश

पुष्यमित्र शुंग एवं विदर्भ युद्ध

मालविकाग्निमित्र से पता चलता है, कि पुष्यमित्र के समय में विदर्भ (आधुनिक बरार)का प्रांत यज्ञसेन के नेतृत्व में स्वतंत्र हो गया। यह यज्ञसेन बृहद्रथ के सचिव का संबंधि था। यज्ञसेन को शुंगों का शत्रु बताया गया है।

परवर्ती मौर्य शासकः बृहद्रथ

पुष्यमित्र शुंग ने बृहद्रथ की हत्या के बाद उसके सचिव को जेल में डाल दिया। तथा पुष्यमित्र ने अपने पुत्र अग्निमित्र को विदिशा का राज्यपाल बना दिया। अग्निमित्र का मित्र माधवसेन था, जो विदर्भ नरेश यज्ञसेन का चचेरा भाई था, परंतु दोनों भाईयों में संबंध अच्छे नहीं थे। जब माधवसेन विदिशा जा रहा था, तब माधवसेन को यज्ञसेन के अंतपाल (सीमा प्रांत के राज्यपाल) ने बंदी बना लिया। अग्निमित्र ने यज्ञसेन को अपने मित्र माधवसेन को छोङने के लिये कहा। यज्ञसेन ने यह शर्त रखी कि यदि उसका संबंधी मौर्य नरेश का सचिव, जो पाटलिपुत्र की जेल में बंदी है, को छोङ दे तो वह माधवसेन को मुक्त कर देगा।

शुंग राजवंश की उत्पत्ति एंव राजवंश की सूची।

इस पर अग्निमित्र ने अपने सेनापति वीरसेन को तुरंत विदर्भ पर आक्रमण करने का आदेश दिया। यज्ञसेन पराजित हुआ और विदर्भ राज्य दो भागों में बाँट दिया गया। वर्धा नदी दोनों राज्यों की सीमा मान ली गयी।

पुष्यमित्र का प्रभाव-क्षेत्र नर्मदा नदी के दक्षिण तक विस्तृत हो गया। विदर्भ का युद्ध 184ई.पू. में लङा गया था।

Reference : https://www.indiaolddays.com/

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