आधुनिक भारतइतिहासविदेशी सम्बन्ध

सीटो समझौता क्या था

SEATO सीटो(सीएटीओ)

सीटो का पूरा नाम South East AsianTreaty Organization

हिन्दी में सीटो को दक्षिण पूर्व एशिया संधि संगठन कहा जाता है। सीटो को दक्षिण पूर्व एशिया सामूहिक रक्षा भी कहते हैं। यह समझौता फिलींपींस की राजधानी मनीला में हुआ था। अतः इसको मनीला संधि के नाम से भी जाना जाता है।

अमेरिका ने दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों को साम्यवाद के चंगुल में फँसने से रोकने के लिए फिलिपीन्स की राजधानी मनीला में 1954 में सीटो नामक एक समझौता किया और अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए उसने इन देशों को भारी सैनिक एवं आर्थिक मदद दी।

सीटो की स्थापना-

सीटो की स्थापना 8 सितंबर,1954 में हुई थी। सीटो का मुख्यालय बैंकाक थाईलैंड में है।सीटो एक अंतर सरकारी सैन्य संगठन है।

सीटो के सदस्य-

ऑस्ट्रेलिया,न्यूजीलैंड, पाकिस्तान ( पूर्वी पाकिस्तान – जिसको आज हम बांग्लादेश के नाम से जानते हैं),फिलीपींस, थाईलैंड, फ्रांस, ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका।

सीटो के प्रथम महासचिव पोटे सरसिन।

सीटो का उद्देश्य –

  • दक्षिण पूर्व एशिया में साम्यवाद को रोकना।
  • सैन्य बल को बनाए रखना।
  • सामाजिक और आर्थिक मुद्दों में सुधार।
  • संस्कृति, शिक्षा, श्रम में सफलता।
  • कृषि और चिकित्सा में शोध निधि अनुदान।

सीटो का विघटन के कारण –

  • सीटो को जिन उद्देश्यों के लिए बनाया गया था, वे उद्देश्य प्राप्त नहीं हो सके।
  • 1972 में पाकिस्तान ने नाम वापिस ले लिया।
  • 1975 में फ्रांस ने वित्तीय सहायता वापिस ले ली।

30 जून,1977 में औपचारिक रूप से सीटो संघटन भंग हो गया।

Reference : https://www.indiaolddays.com/

Related Articles

error: Content is protected !!