कांची के पल्लव शासक सिंहविष्णु का इतिहास
इस आर्टिकल से पहले वाले आर्टिकल में हमने पल्लव वंश के प्रारंभिक शासकों के बारे में पढा था। यहां हम कांची के महान पल्लव शासक सिंहविष्णु के बारे में पढेंगे।
महान पल्लव शासकों की सूची में सर्वप्रथम सिंहवर्मन के पुत्र तथा उत्तराधिकारी सिंहवषिष्णु (575-600ई.) का नाम आता है। उसने अवनिसिंह की उपाधि धारण की तथा अनेक स्थानों को जीत कर अपने राज्य का विस्तार किया।
कशाकुडी दानपत्र से पता चलता है, कि सिंहविष्णु ने कलभ्र, चोल, पाण्ड्य तथा सिंहल के राजाओं को पराजित किया। चोल शासक को पराजित कर उसने चोलमंडलम पर अधिकार कर लिया।
उसकी विजयों के फलस्वरूप पल्लव राज्य की दक्षिणी सीमा कावेरी नदी तक जा पुहँची।
सिंहविष्णु वैष्णव धर्मानुयायी था तथा उसने कला को प्रोत्साहन दिया। उसके समय में मामल्लपुरम में वाराहमंदिर का निर्माण हुआ, जिसमें सिंहविष्णु की एक मूर्ति अंकित है।
उसकी राजसभा में संस्कृत महाकवी भारवि निवास करते थे, जिन्होंने किरातार्जुनीयम् महाकाव्य लिखा था।
References : 1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
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