इतिहासप्राचीन भारतवर्द्धन वंशहर्षवर्धन
सोनपत ताम्रमुद्रा अभिलेख
यह अभिलेख हरियाणा प्रांत के सोनपत से मिला है । लेख की सभी बातें नालंदा मृण्मुद्रा लेख के ही समान हैं। इसमें भी वर्धन वंश के वंशावली नरवर्धन से प्रारंभ होकर हर्षवर्धन पर समाप्त हो जाती है। प्रभाकरवर्धन, राज्यवर्धन तथा हर्षवर्धन के नाम के पूर्व, उच्च सम्मानपरक तथा स्वतंत्र सत्ता की सूचक उपाधियां – परमभट्टारक, महाराजाधिराज, महेश्वर आदि – जुङी हुई हैं।
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References : 1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
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