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चंद्रगुप्त मौर्य का इतिहास

मौर्य साम्राज्य का संस्थापक सम्राट इतिहास में चंद्रगुप्त के नाम से विख्यात है। चंद्रगुप्त मौर्य भारत के उन महानतम सम्राटों में से है, जिन्होंने अपने व्यक्तित्व तथा कृतित्वों से इतिहास के पृष्ठों में क्रांतिकारी परिवर्तन उत्पन्न किया है।

चंद्रगुप्त मौर्य ने भारत को मकदूनी दासता से मुक्त करवाया। नंदों के घृणित एवं अत्याचारपूर्ण शासन से जनता को मुक्त करवाया। इन सब के साथ ही देश को राजनैतिक एकता के सूत्र में संगठित करने का श्रेय भी चंद्रगुप्त को ही जाता है।

चंद्रगुप्त मौर्य ने चाणक्य की सहायता से घनानंद की हत्या कर मगध में मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। इसकी जानकारी विशाखादत्त रचित मुद्राराक्षस से, यूनानी स्त्रोत, पुराण, जैन ग्रंथ – परिशिष्टपर्वन (हेमचंद्र), आर्य मंजूश्री मूलकल्प से मिलती है।

मगध को जीतने से पहले चंद्रगुप्त ने पंजाब के यूनानियों के अधीन के क्षेत्रों को जीता। इसके लिए चोर, डैकेत, जनजातियाँ, मलेच्छ (विदेशियों) से अपनी सेना बनाई। इसका विवरण- जस्टिन द्वारा रचित एपिटोम से मिलता है, जिसमें लिखा है कि 6 लाख की सेना इक्कठी कर चंद्रगुप्त ने पंजाब को जीता।

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305 ई.पू. में सिंधु नदी के तट पर सेल्यूकस निकेटर से चंद्रगुप्त का युद्ध हुआ। जिसमें सेल्यूकस की हार हुई। इसका वर्णन एकमात्र यूनानी इतिहासकार एपियानस ने दिया और पराजित सेल्यूकस ने चंद्रगुप्त को एरियाना का क्षेत्र दिया।

चंद्रगुप्त मौर्य का प्रारंभिक जीवन।

चंद्रगुप्त मौर्य की उत्पत्ति संबंधि विचार।

चंद्रगुप्त मौर्य साम्राज्य विस्तार।

चंद्रगुप्त मौर्य की उपलब्धियाँ।

चंद्रगुप्त मौर्य की मृत्यु।

चंद्रगुप्त मौर्य का मूल्यांकन।

Reference : https://www.indiaolddays.com/

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