इतिहासप्रमुख स्थलप्राचीन भारत

प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल कुण्डलवन

कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के समीप ही प्राचीन समय में कुण्डलवन नामक सथान स्थित था। इस स्थान की प्रसिद्धि का एकमात्र कारण इसका बौद्ध धर्म की चौथी तथा अंतिम महासभा (संगीति) से सम्बन्धित होने के कारण है जिसका आयोजन कुषाण शासक कनिष्क के समय में किया गया था।

इसके अध्यक्ष वसुमित्र तथा उपाध्यक्ष अश्वघोष थे। इसमें ‘विभाषाशास्त्र’ नामक धर्मग्रन्थ का संकलन हुआ। इसी के पश्चात् बौद्ध धर्म हीनयान तथा महायान नामक दो सम्प्रदायों में विभाजित हो गया।

References :
1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
2. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास, लेखक-  वी.डी.महाजन 

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