प्राचीन भारतइतिहासमौर्य साम्राज्यस्रोत

मौर्य कालीन पुरातात्विक स्रोत

मौर्यकालीन पुरातात्विक साक्ष्यों में सर्वाधिक महत्त्व अशोक के लेखों का है। अशोक के अभिलेख भारत, पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान के विभिन्न भागों से मिले हैं। इन अभिलेखों से अशोक के इतिहास की विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है।

अशोक का प्रारंभिक जीवन।

शक महाक्षत्रप रुददामन का जूनागढ (गिरनार) लेख भी मौर्य इतिहास के विषय में सूचना प्रदान करता है। इस अभिलेख से सुराष्ट्र प्रांत में मौर्य-शासन की जानकारी मिलती है।

अशोक के अभिलेख-

  • अशोक के शिलालेख-1.) वृहद शिलालेख, 2.)लघु शिलालेख।

अशोक के वृहद शिलालेख कौन-2 से हैं?

अशोक के लघु शिलालेख।

महास्थान अभिलेख (बोगरा, बांग्लादेश)-

सौहगोरा ताम्रपत्र अभिलेख (उत्तर प्रदेश)-

  • चंद्रगुप्त के काल में भीषण अकाल पङने की जानकारी मिलती है।

तक्षशिला का पियदस्सी अभिलेख (पाक.)-

यह अभिलेख चंद्रगुप्त के समय उसके अधिकारी रेमोडेरो के सम्मान में समर्पित है। यह अभिलेख यूनानी, अरेमाइक भाषा में लिखा गया है।

शक महाक्षत्रप रुद्रदामन का जूनागढ (गिरनार) अभिलेख-

  • रुद्रदामन के जूनागढ अभिलेख से सुराष्ट्र के बारे में पता चलता है।

आहत मुद्राएँ / सिक्के-

Reference : https://www.indiaolddays.com/

Related Articles

error: Content is protected !!