कौटिल्य
- मई- 2020 -28 मईइतिहास
पाण्ड्य राज्य के बारे में जानकारी
तमिल प्रदेश का तीसरा राज्य पाण्ड्यों का था, जिसमें प्रारंभ में तिनेवेली, रानाड तथा मदुरा का क्षेत्र सम्मिलित था। पाण्ड्यों…
Read More » - 1 मईइतिहास
पाण्ड्य राजवंश का इतिहास
तमिल प्रदेश का तीसरा राज्य पाण्ड्यों का राज्य था, जिसमें प्रारंभ में तिनेवेली, रामनाड तथा मदुरा का क्षेत्र सम्मिलित था।
Read More » - मार्च- 2020 -1 मार्चइतिहास
दक्षिण भारत के इतिहास का प्रारंभ कहाँ से हुआ
वैसे तो दक्षिण भारत का प्रारंभ पूर्ववैदिक काल में ही हो गया था, तथापि ईसा पूर्व छठीं शता. तक उत्तर…
Read More » - जनवरी- 2020 -29 जनवरीइतिहास
प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल कम्बोज
ईसा - पूर्व 6वी. शता. का यह एक महाजनपद था जसका उल्लेख गान्धार के साथ मिलता है। सामन्यत: इस राज्य…
Read More » - नवम्बर- 2019 -15 नवम्बरइतिहास
राजनीति शास्र के प्रमुख ग्रंथ तथा लेखक कौटिल्य और उसका अर्थशास्र, कामंदकीय नीतिसार, शुक्रनीति
प्राचीन काल में राजनैतिक व्यवस्था अर्थात् राजा तथा राज्य और राजा के कार्यों के बारे में अलग-2 विद्वानों ने अपने…
Read More » - 14 नवम्बरइतिहास
कामंदकीय नीतिसार में किस विषय का वर्णन है
कामंदकीय नीतिसार कौटिल्य के अर्थशास्र का संक्षेपीकरण मात्र है। इसे आसानी से कंठस्थ योग्य बनाने के उद्देश्य से लेखक ने…
Read More » - 13 नवम्बरइतिहास
सप्तांग सिद्धांत क्या था
कौटिल्य द्वारा प्रतिपादित राज्य का उपर्युक्त सप्तांग सिद्धांतवाद के लेखकों के लिये आदर्श स्वरूप बना रहा। कुछ ग्रंथों में इन…
Read More » - 12 नवम्बरइतिहास
प्राचीन भारतीय राजत्व की विशेषताएँ
अति प्राचीन काल से ही भारतीयों ने राजा एवं राजपद की महत्ता को समझा एवं सामाजिक व्यवस्था के लिये उसे…
Read More » - 11 नवम्बरइतिहास
प्राचीन भारत में राज्य संस्था की उत्पत्ति के सिद्धांत
राजदंड के डर से ही मनुष्य न्याय के मार्ग पर चलते हैं तथा न्याय ही उनका रक्षक हैं। महाभारत में…
Read More » - 4 नवम्बरइतिहास
सामंती व्यवस्था किसे कहते हैं, सामंतवाद भारत में कब आया
सामंतों की उत्पत्ति तथा विकास सामंतवादी व्यवस्था के विकास में एक महत्त्वपूर्ण कङी थी। जहाँ प्रारंभिक काल में प्रशासन का…
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