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औद्योगिक क्रांति का अर्थ एवं मूल तत्व

औद्योगिक क्रांति का अर्थ

औद्योगिक क्रांति का अर्थ (Meaning of industrial revolution)

1833 ई. में ब्रान्ट ने सर्वप्रथम औद्योगिक क्रांति शब्द का प्रयोग किया। घरेलु उत्पादन पद्धति के स्थान पर कारखाने स्थापित होने लगे। शक्तिचालित मशीनें बनने लगी। उत्पादन में वृद्धि से व्यापार व वाणिज्य तंत्र विकसित हुआ। औद्योगिक क्षेत्र में आये इस अप्रत्याशित परिवर्तन को इंगित करने के लिए औद्योगिक क्रांति शब्द प्रयुक्त किया जाने लगा। औद्योगिक क्रांति का अर्थ एवं काल

अर्नाल्ड टॉयन्बी ने 1889 ई. में औद्योगिक क्रांति के बारे में अपनी पुस्तक लेक्चर्स ऑन इंडट्रियल रिवोल्यूशन में स्पष्ट किया कि यह कोई आकस्मिक घटना नहीं थी। इसका सूत्रपात शताब्दियों पूर्व हुआ, क्रमशः अपनी गति से यह चलती रही और आज भी चल रही है। औद्योगिक क्रांति के इंग्लैण्ड में उदय के कारण

इतिहासकार सी.डी.हेजन के अनुसार, औद्योगिक क्रांति का अर्थ है, कुटीर उद्योगों का मशीनीकरण।

डेविस की मान्यता है कि औद्योगिक क्रांति का तात्पर्य उन परिवर्तनों से है जिन्होंने यह संभव कर दिया कि मनुष्य उत्पादन के प्राचीन उपायों को त्याग कर, विस्तृत रूप से कारखानों में वस्तुओं का उत्पादन कर सके।

एच.जी.वेल्स ने लिखा है, कि सामाजिक और आर्थिक विकास को औद्योगिक क्रांति कहते हैं।

कुछ इतिहासकार सामान्यतः यांत्रिक क्रांति को ही औद्योगिक क्रांति मान लेते हैं, किन्तु दोनों में अंतर है। प्राचीन रोमन गणराज्य का प्रभाव पुनः सजीव हुआ, श्रमिक समूहों, बङी-बङी जागीरों, मुफ्त कृषि और पूंजी की उपलब्धि ने औद्योगिक क्रांति को जन्म दिया।

सेबाइन के अनुसार व्यापार का विकास, यातायात के साधनों में प्रगति, बैकिंग पद्धति की शुरूआत, नये प्रायः द्वीपों की खोज, और मध्यमवर्ग का विकास आदि 18 वीं शताब्दी के इन सभी परिवर्तनों ने मध्य युग को समाप्त कर एक नये आर्थिक विकास को प्रोत्साहित किया जिसे औद्योगिक क्रांति कहते हैं।

प्लैट और जीन का कहना है कि अनेक पूंजीपतियों ने बहुत बढिया माल बनाने के लिये जिससे उन्हें अधिक प्रतिष्ठा मिले, कठोर परिश्रम किया। नई मंडियों की खोज में सतर्क रहे। जो नये संगठन इस युग में बने उनसे व्यापार व पूंजी का विकास हुआ, वही औद्योगिक क्रांति है। निश्चय ही अठारहवीं शताब्दी में उद्योग के क्षेत्र में हस्तनिर्मित, कम उत्पादन, केवल घरेलू बाजार की खपत का स्थान कारखानों में निर्मित अधिक उत्पादन एवं अधिक विकसित विदेशी बाजार ने लिया। अतः उद्योग के साथ क्रांति शब्द का प्रयोग उचित है।

निष्कर्षतः औद्योगिक क्रांति का अभिप्राय उस आर्थिक व्यवस्था से है जो परम्परागत, कम उत्पादन और विकास शून्य अवस्था से निकलकर आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र में प्रविष्ठ होती है, जिससे अधिक उत्पादन, जीवन का रहन सहन और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होती है, और उत्पादन दर निरंतर बढती रहती है, को औद्योगिक क्रांति कहा जा सकता है। जिसका मनुष्य, समाज और राज्य पर व्यापक प्रभाव पङा।

एन्साइक्लोपीडिया ऑफ सोशल साइन्सेज में औद्योगिक क्रांति को परिभाषित किया है कि ऐसा आर्थिक एवं तकनीकी विकास जो 18 वीं शताब्दी में अत्यधिक सशक्त और गतिशील हो गया था एवं जिसके कारण आधुनिक औद्योगिकवाद का उदय हुआ, उसे ही औद्योगिक क्रांति कहा गया है।

औद्योगिक क्रांति के तत्व

  • हस्त उद्योग का स्थान मशीनी उद्योग ने ले लिया।
  • मशीनों के संचालन हेतु ऊर्जा संसाधनों की खोज-जल शक्ति, वाष्प शक्ति, तेल एवं विद्युत शक्ति का प्रयोग।
  • उत्पादन वृद्धि, कच्चे माल की प्राप्ति और तैयार माल की खपत हेतु बाजारों का विकास।
  • पूंजी में वृद्धि, बैंकिंग पद्धति का विकास।
  • कम मानव श्रम एवं अधिकतम उत्पादन के सिद्धांत का विकास।
  • संगठित व्यापार तंत्र विकसित, भूमि, श्रम व पूंजी का कुशलता से उपयोग।
  • कृषि का व्यावसायीकरण, यांत्रिक कृषि कार्यों का प्रारंभ।
  • यातायात के साधनों में त्वरित विकास।
  • औपनिवेशिक विस्तार एवं अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि।


औद्योगिक क्रांति का प्रारंभ 18 वीं शताब्दी के मध्य अर्थात 1760 ई. के बाद हुआ माना जाता है।

इस काल में इंग्लैण्ड में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन हुए, जो निम्नलिखित हैं-

  • जनसंख्या में अभूतपूर्व वृद्ध हुई।
  • कृषि उत्पादन में भी भारी वृद्धि हुई।
  • लोहा, कोयला, इस्पात, रसायन, कपास आदि की भारी उपलब्धता और यातायात के साधनों में व्यापाक उन्नति ने व्यापार-व्यवसाय में प्रगति को संभव बनाया।
  • नौ-परिवहन एवं नौ सैनिक क्षेत्र में एकाधिकार स्थापित हुआ।
  • राजनीतिक स्थायित्व एवं सुशासन के कारण औद्योगिक क्षेत्र में प्रोत्साहन।
  • वाणिज्यवाद के परिणामस्वरूप पूंजी की भारी उपलब्धता। अतिरिक्त पूंजी के निवेश हेतु औद्योगीकरण को प्रोत्साहन।

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