आधुनिक भारतइतिहासभारत के गवर्नर
भारत के गवर्नर/गवर्नर-जनरल/वायसराय के महत्त्वपूर्ण तथ्य
बंगाल के गवर्नर
क्लाइव (1757-1760,1765-1767)
- लार्ड क्लाइव Lord Clive or Robert Clive को भारत में अंग्रेजी शासन का जन्मदाता माना जाता है।
- ईस्ट इंडिया कम्पनी ने क्लाइव को 1757 में बंगाल का गवर्नर नियुक्त किया था।
- क्लाइव ईस्ट इंडिया कम्पनी द्वारा भारत में नियुक्त होने वाला प्रथम गवर्नर था।
- 1757 में क्लाइव के नेतृत्व में प्लासी का युद्ध (Battle of Plassey) लड़ा गया, जिसने भारत में अंग्रेजी शासन की स्थापना के द्वार खोल दिये।
ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना कब की गई।
- बंगाल के गवर्नर के रूप में क्लाइव ने अपने दूसरे कार्यकाल में बरार के युद्ध के बाद, मुग़ल सम्राट शाह आलम द्वितीय से संधि की।
- 1764 में बक्सर के ऐतिहासिक युद्ध के समय वन्सिटार्ट (1760-1765) बंगाल का गवर्नर था।
बक्सर का युद्ध के कारण एवं परिणाम क्या थे
- अवध के नवाब शुजाउद्दौला तथा मुगल सम्राट शाह आलम के साथ 1765 में इलाहाबाद की संधि के बाद क्लाइव ने बंगाल में ‘द्वैध शासन’ की नींव रखी।
- क्लाइव के बाद, द्वैध शासन के दौरान वेरेल्स्ट (1767-1769) और कार्टियर (1769-1772) बंगाल के गवर्नर रहे।
- द्वैध शासन के दौरान क्लाइव ने कंपनी के अधिकारीयों में व्याप्त भ्रष्टाचार दूर करने के लिए ‘सोसाइटी ऑफ़ ट्रेड’ की स्थापना की।
बंगाल में द्वैध शासन की स्थापना किसने की
वारेन हेस्टिंग्ज (1772-1785)
- वारेन हेस्टिंग्ज के काल में संपन्न हुये कार्य- बंगाल में द्वैध शासन प्रणाली की समाप्ति (1772)।
- प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध (1775-82)।
- द्वितीय आंग्ल मैसूर युद्ध (1780-84)।
- रेग्यूलेटिंग एक्ट के तहत कलकत्ता में उच्चतम न्यायालय की स्थापना(1774)।
- नंद कुमार को गलत आरोप में फांसी(1775)।
- पिट्स का भारतीय अधिनियम(1784)।
- भारत में पंचवर्षीय फिर एक वर्षीय बंदोबस्त व्यवस्था, बनारस की संधि (1773)।
- कलकत्ता में सरकारी टकसाल की स्थापना, दस्तक के प्रयोग पर प्रतिबंध।
लार्ड कार्नवालिस (1786-1793)
- कार्नवालिस के काल में संपन्न हुये कार्य- तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध (1790-1992)।
- कलकत्ता, मुर्शिदाबाद, ढाका तथा पटना में 4 प्रांतीय न्यायालय सेवा का जनक।
- न्यायिक क्षेत्र में शक्ति के पृथक्कीकरण का सिद्धांत का जन्म।
- कार्नवालिस संहिता (1793),रेवन्यू बोर्ड की स्थापना।
सर जॉनसोर (1793-1798)
- निजाम तथा मराठों के बीच खर्दा का युद्ध (1795)।
- 1793 का चार्टर एक्ट पारित।
- देशी राज्यों के प्रति तटस्थता की नीति।
लार्ड वेलेजली (1798-1805)
- सहायक संधि प्रणाली द्वारा भारत में अंग्रेजी साम्राज्य का विस्तार।
- चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध(1799)
- द्वितीय आग्ल-मराठा युद्ध(1803-1804)
- फोर्ट विलियम कॉलेज की कलकत्ता में स्थापना।
- 31 दिसंबर, 1802 को बाजीराव द्वितीय के साथ बेसिन की संधि (सहायक संधि) द्वारा ब्रिटिश साम्राज्य में मिलाये गये क्षेत्र-
- हैदराबाद-1798, 1801
- अवध-1801
- मैसूर-1799
- मराठे-1802
- भोंसले-1803
- तंजौर-1799
सर जार्ज बार्लो(1805-1807)
- वेल्लौर में सिपाही विद्रोह (1806)
लार्ड मिण्टो प्रथम (1807-1813)
- महाराणा रणजीतसिंह के साथ प्रसिद्ध अमृतसर की संधि(1809)।
महाराणा रणजीत सिंह एवं अमृतसर की संधि
लार्ड हेस्टिंग्स (1813-1823)
- प्रथम आंग्ल-नेपाल युद्ध (1814-16)
- तृतीय आंग्ल-मराठा युद्ध (1817-1818)
- पिंडारियों का दमन (1817-1818)
- बंगाल में काश्तकारी अधिनियम लागू(1822)
लार्ड एमहर्स्ट (1823-1828)
- प्रथम आंग्ल-बर्मा युद्ध (1824-26)
- बैरकपुर की सैनिक छावनी में विद्रोह (1824)
भारत के गवर्नर-जनरल-
लार्ड विलियम बैंटिक(1828-1833)
- लार्ड विलियम बैंटिक के कार्यकाल में संपन्न कार्य- सती प्रथा समाप्त (1829)
- ठगी प्रथा की समाप्ति (1830)
- नरबलि प्रथा का अंत।
- 1833 का चार्टर अधिनियम।
- कलकत्ता में मेडिकल कॉलेज की स्थापना (1835)
- सरकारी सेवाओं में भेदपूर्ण नीति को समाप्त करने की घोषणा।
- भारत का प्रथम गवर्नर-जनरल
- अंग्रेजी भारतीय प्रशासन की सहकारी भाषा बनी (1835)
- आगरा नई प्रेसीडेंसी बनी, साथ ही यहीं एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना हुई।
- आंग्ल-प्राच्य शिक्षा विवाद, डिवीजनल कमिश्नर (मंडलायुक्त) की नियुक्ति।
चार्ल्स मेटकॉफ(1835-36)
- समाचार-पत्रों पर से प्रतिबंध हटा, इसे समाचार पत्रों का मुक्तिदाता कहा गया।
चार्ल्स ऑकलैण्ड (1836-1842)
- प्रथम आंग्ल-अफगान युद्ध(1838-42)
- ईस्ट इंडिया कम्पनी, रणजीत सिंह तथा शाहशुजा के मध्य त्रिदलीय संधि।
लार्ड एलनबरो(1842-44)
- सिंध का अंग्रेजी राज्य में अगस्त,1843 में चार्ल्स नेपियर के नेतृत्व में विलय कर लिया गया।
- एलनबरो का कार्यकाल कुशल अकर्मण्यता की नीति का काल कहा जाता है।
लार्ड हार्डिंग(1844-1848)
- प्रथम आंग्ल-सिक्ख युद्ध (1845-46)
- लाहौर पर अंग्रेजी कब्जा।
- नरबलि पर प्रतिबंध।
लार्ड डलहौजी (1848-1856)
- द्वितीय सिक्ख-आंग्ल युद्ध (1848-49)
- 29 मार्च, 1849 को पंजाब का अंग्रेजी राज्य में विलय।
- द्वितीय आंग्ल-बर्मा युद्ध(1848-49)
- 29 मार्च, 1849 को पंजाब का अंग्रेजी राज्य में विलय।
- द्वितीय आंग्ल-बर्मा युद्ध (1850)
- प्रसिद्ध व्यपगत के सिद्धांत की शुरूआत।
- कर्नाटक के नवाब एवं तंजौर के राजा की उपाधि समाप्त(1853)
- कुशासन के आरोप में अवध को 1856 में तथा अधिक कर्ज लेने के आरोप में बराङ(1853 )में अंग्रेजी साम्राज्य में मिलाये गये।
- प्रथम रेलवे लाइन बनी(1853)
- सर चार्ल्स वुड का शिक्षा नीति पर डिस्पैच।
- संथाल विद्रोह(1856)
- प्रथम विधुत तार की शुरूआत(1852)
- पहली बार डाक टिकटों का प्रचलन।
- डलहौजी के व्यपगत सिद्धांत द्वारा ब्रिटिश साम्राज्य में मिलाये गये राज्य-
- सतारा
- जैतपुर
- संभलपुर
- वघात
- उदयपुर
- झांसी
- नागपुर।
- सार्वजनिक निर्माण विभाग तथा लोक सेवा विभाग की स्थापना।
वायसराय
लार्ड कैनिंग(1856-1858)
- 1857 का विद्रोह।1
- 1856 का विधवा पुनर्विवाह अधिनियम।
- 1858 का एक्ट,महारानी विक्टोरिया भारत की साम्राज्ञी घोषित।
- बंबई, मद्रास तथा कलकत्ता में विश्वविद्यालयों की स्थापना (1857)
- 1861 का भारतीय परिषद् अधिनियम।
- भारतीय उच्च न्यायालय अधिनियम 1861 के अंतर्गत कलकत्ता।
- बंबई तथा मद्रास में एक-2 उच्च न्यायालयों की स्थापना।
- भारतीय दंड संहिता (1858)
- सिविल दंड प्रक्रिया संहिता (1859)
- भारत के अंतिम गवर्नर-जनरल तथा प्रथम वायसराय।
सर जॉन लारेन्स(1864-1869)
- प्रसिद्ध अहस्तक्षेप नीति(रिंगफेल नीति)
- 1866 में उङीसा तथा 1868-69 में राजपूताना तथा बुंदेलखंड में भयानक अकाल, बङी मात्रा में रेलवे तथा नहरों का निर्माण कार्य आरंभ।
- यूरोप के साथ संचार व्यवस्था स्थापित।
लार्ड मेयो(1869-72)
- भारत में वित्त का विकेन्द्रीकरण।
- अजमेर में मियो कॉलेज की स्थापना।
- कार्यकाल के दौरान ही एक इफगान द्वारा अंडमान में हत्या।
लार्ड नार्थब्रुक (1872-76)
- पंजाब में कूका विद्रोह(1872)
- बिहार में अकाल(1873)।
लार्ड लिटन (1876-80)
- दक्कन में भीषण अकाल(1876-78)
- दिल्ली में एक भव्य दरबार का आयोजन (1877)
- महारानी विक्टोरिया को कैसर-ए-हिन्द की उपाधि(1877)
- प्रसिद्ध वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट तथा इंडियन आर्म्स एक्ट(1878)
- वैधानिक जनपद सेवा में सम्मिलित होने वाले भारतीयों की आयु 21 वर्ष से 19 वर्ष की गई।
- द्वितीय आंग्ल-अफगान युद्ध (1878-80)।
लार्ड रिपन(1880-84)
- प्रथम फैक्ट्री एक्ट(1881)
- स्कूली शिक्षा हेतु हंटर आयोग की नियुक्ति(1882)
- प्रसिद्ध इल्बर्ट विवाद (1885)
- स्थानीय स्वशासन की शुरुआत(1882)
- जनगणना प्रणाली की स्थापना
- 1881 में कश्मीरऔर नेपाल को छोङकर समूचे भारत की जनगणना करवाई गयी।
- जनगणना को प्रत्येक दसवें वर्ष करवाने की योजना बनाई गई।
लार्ड डफरिन (1884-1888)
- भारतीय कांग्रेस की स्थापना(1885)
- तृतीय आंग्ल-बर्मा युद्ध (1885-1888)
- बंगाल कृषक अधिनियम पारित(1885)।
लैंसडाउन (1888-94)
- मणिपुर विद्रोह(1891)
- भारतीय परिषद अधिनियम 1892 पारित।
- मुस्लिम एंग्लो-ओरिंटल डिफेन्स एसोसियशन ऑफ अपर इंडिया की स्थापना(1893)
- तिलक द्वारा गणपति त्यौंहार की घोषणा(1893)
दूसरा फैक्ट्री एक्ट (1891)।
लार्ड एल्गिन द्वितीय(1894-1899)
- मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब में भयानक अकाल(1896-97)
- लायल कमीशन के नाम से अकाल आयोग का गठन।
- तिलक द्वारा शिवाजी उत्सव की घोषणा(1895)
- चापेकर बंधुओं द्वारा पूना में दो अंग्रेज अधिकारियों की हत्या(1897)।
लार्ड कर्जन(1899-1905)
- 1901 में कृषि इंस्पेक्टर जनरल की कृषि कार्यों की देख-रेख हेतु नियुक्ति।
- नये प्रांत उत्तर-पश्चिम सीमा प्रांत का गठन।
- यंग हस्बैंड के नेतृत्व में एक शिष्ट मंडल ल्हासा (तिब्बत) गया (1904) में।
- भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम (1904)
- भारत लोक सेवा मंडल का गठन (1905)
- सर डब्लू फ्रेजर की अध्यक्षता में पुलिस आयोग का गठन (1902)
- सर टॉमर रैले की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय आयोग की स्थापना(1902)
- सर एण्टनी मैकटडॉनल की अध्यक्षता में अकाल आयोग का गठन(1900)
- प्राचीन स्मारक परिरक्षण अधिनियम(1904)
- बंगाल विभाजन (1905)
- सर कॉल्म स्कॉट मॉनक्रीफ के नेतृत्व में सिंचाई आयोग की स्थापना।
- रेलवे बोर्ड का गठन (1905)
- पुलिस विभाग में सुधार हेतु फ्रेजर कमीशन।
लार्ड मिण्टो द्वितीय (1905-10)
- मुस्लिम लीग का गठन (1906)
- आंग्ल-रूसी मित्रता(1907)
- खुदीराम बोस को फाँसी।
- तिलक को 6 वर्ष का कारावास(1908)
- भारतीय परिषद अधिनियम अथवा मिण्टो-मार्ले सुधार अधिनियम पारित(1909)
- एस.पी.सिन्हा वायसराय की कार्यकारिणी में नियुक्त हुए (1909)
- सूरत में कांग्रेस का विभाजन (1907)।
लार्ड हार्डिंग द्वितीय (1910-1916)
- ब्रिटेन के राजा जार्ज पंचम का भारत आगमन (12 दिसंबर,1911)
- दिल्ली में बंगाल विभाजन रद्द तथा भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली हस्तांतरित करने की घोषणा(1911)
- दिल्ली राजधानी बनी (1912)
- प्रथम विश्व युद्ध की शुरूआत (4 अगस्त, 1914)
- गाँधी जी दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस लौटे (1915)
- गोखले और फिरोज शाह मेहता का देहांत (1915)।
लार्ड चेम्सफोर्ड (1916-21)
- तिलक और बेसेंट द्वारा क्रमशः अप्रैल एवं सितंबर, में होमरूल लीग की स्थापना (1916)
- बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा (1916)
- गाँधी जी का चंपारण सत्याग्रह (अप्रैल, 1917)
- भारतीयों को सेना में सम्राट का कमीशन मिलने की अनुमति (1918)
- रौलट एक्ट (अप्रैल,1919)
- भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन (1920)
- अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना (1920)
- गाँधी जी द्वारा असहयोग आंदोलन की शुरूआत (1 अगस्त, 1920)
- प्रथम महिला विश्वविद्यालय की स्थापना (पूना, 1916)
- सर एस. पी. सिन्हा बिहार के पहले भारतीय गवर्नर
- शिक्षा पर सैडलर आयोग की स्थापना (1917)
- जलियांवाला बाग हत्याकांड (13 अप्रैल, 1919)
- माण्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम (1919)।
लार्ड रीडिंग (1921-26)
- प्रिंस ऑफ वेल्स का भारत आगमन(1 नवंबर,1921)
- भारत के दक्षिणी-पश्चिमी समुद्र तट पर मोपला विद्रोह (1921)
- एम.एन.राय द्वारा ताशकंद में भारतीय साम्यवादी दल का गठन (1921)
- चौरी-चौरा कांड (5 फरवरी, 1922)
- अहसयोग आंदोलन समाप्त (11 फरवरी, 1922)
- मुल्तान, अमृतसर, दिल्ली, अलीगढ, कलकत्ता में भयानक साम्प्रदायिक दंघे (1923-25)
- काकोरी ट्रेन डकैती काण्ड (9 अगस्त, 1925)
- स्वामी श्रद्धानंद की हत्या (1926)
- कानपुर में अखिल भारतीय साम्यवादी दल का गठन (1924)।
लार्ड इरविन (1926-1931)
- साइमन कमीशन की नियुक्ति (1927)
- साइमन कमीशन का भारत आगमन पर विरोध (1928)
- भारतीय संविधान के सिद्धांतों के प्रतिपादन के लिए नेहरू रिपोर्ट प्रस्तुत की गई (1928)
- साण्डर्स की हत्या, दिल्ली के असेम्बली हॉल में भगत सिंह, बटुकेश्वर दत्त द्वारा बम फेंका गया (8 अप्रैल, 1929)
- शारदा विधेयक अधिनियम बना (1929)
- वायसराय इरविन को ले जा रही बग्घी पर बम फेंका गया (1929)
- कांग्रेस ने अपने लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज्य की घोषणा की (31 दिसंबर, 1929)
- गाँधीजी ने ऐतिहासिक डाण्डी यात्रा प्रारंभ की (12 मार्च, 1930)
- साइमन कमीशन की रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने के बाद लंदन में प्रथम गोलमेज सम्मेलन संपन्न (नवंबर, 1930)
- गाँधी-इरविन समझौता (5 मार्च, 1931)।
लार्ड विलिंगटन (1931-36)
- द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में गाँधी जी ने कांग्रेस के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में हिस्सा लिया (1 सितंबर, 1931 से 1 दिसंबर, 1931)
- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडॉनल ने ऐतिहासिक साम्प्रदायिक निर्णय की घोषणा की (16 अगस्त, 1932)
- गाँधी जी ने इसके विरोध में आमरण अनशन की घोषणा की (19 सितंबर, 1932)
- महात्मा गाँधी और अंबेडकर के बीच पूना समझौता (25 सितंबर, 1932), गाँधी जी ने दुबारा सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया(1 अगस्त, 1933)
- तृतीय गोलमेज सम्मेलन का आयोजन (दिसंबर, 1932), भारत सरकार अधिनियम (4 अगस्त 1935)।
लार्ड लिनलिथगो (1936-44)
- सविनय अवज्ञा आंदोलन कांग्रेस द्वारा लिया गया (मई, 1934)
- नये चुनाव, बहुमत के साथ कांग्रेस ने नई सरकारें स्थापित की।
- द्वितीय विश्वयुद्ध के समय कांग्रेस की प्रांतीय सरकारों ने इस्तीफा दिया (अक्टूबर, 1939)
- हरिपुरा के कांग्रेस अधिवेशन में सुभाष चंद्र बोस कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गये (19 फरवरी, 1938)
- त्रिपुरी कांग्रेस में गांधी जी के विरोध के बाद भी सुभाष को दुबारा कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया (मार्च,1939)
- गाँधी जी के विरोध के कारण सुभाष का कांग्रेस से त्यागपत्र (अप्रैल, 1939)
- फारवर्ड ब्लाक की स्थापना।
- वायसराय द्वारा अगस्त प्रस्ताव (8 अगस्त, 1940)
- कांग्रेस ने व्यक्तिगत सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया (17 अक्टूबर, 1940)
- गुप्त रूप से सुभाष चंद्र बोस भागकर बर्लिन (जर्मनी) पहुंचे(17 जनवरी, 1941)
- रवीन्द्रनाथ टैगोर की मृत्यु (1941)
- रंगून (बर्मा) पर जापान ने बम गिराये (1942)
- क्रिप्स के नेतृत्व में क्रिप्स मिशन भारत आया(मार्च 1942)
- कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में गाँधी जी ने भारत छोङो प्रस्ताव पास करवाया।
- भारत छोङो आंदोलन शुरू, गांधी, अबुल कलाम आजाद जैसे नेताओं को गिरफ्तार किया गया(8 अगस्त, 1942)
- अलगाववादी मुस्लिम लीग के नेताओं ने लीग के कारंची अधिवेशन में विभाजन करो और जाओ का प्रसिद्ध नारा दिया (मार्च, 1944)।
लार्ड वेवेल (1944-1947)
- ब्रिटेन में प्रधानमंत्री चर्चिल के बाद वेवेल भारत के वायसराय बने।
- वेवेल ने कांग्रेस और लीग के प्रतिनिधियों की शिमला में एक बैठक की (25 जनवरी, 1945)
- बंबई में नौसेना ने विद्रोह किया (18 फरवरी, 1946)
- कैबिनेट मिशन भारत पहुंचा (मार्च, 1946)
- मिशन ने अपने प्रस्ताव की घोषणा की (16 मई, 1946)
- अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने केबिनेट प्रस्ताव को स्वीकार किया (7 जुलाई, 1946)
- मुस्लिम लीग ने कैबिनेट प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए 16 अगस्त, 1946 को प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस मनाया।
- संविधान सभा के चुनाव (1जुलाई, 1946)
- जवहार लाल नेहरू के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन (2सितंबर, 1946)
- संविधान सभा की प्रथम बैठक (9 दिसंबर, 1946)
- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री एटली ने अपनी ऐतिहासिक घोषणा में 3 जून, 1948 तक भारत के स्वतंत्र होने की बात कही (20 फरवरी, 1947)।
माउण्ट बेटन (1947-1948)
- माउंट बेटन के कार्यकाल में संपन्न कार्य- माउंटबेटन भारत के वायसराय बने (24 मार्च, 1947)
- जून थर्ड प्लान के अनुसार वायसराय ने भारत के विभाजन की घोषणा की(3 जून, 1947)
- प्रधानमंत्री एटली द्वारा ब्रिटेन के हाऊस ऑफ कॉमन्स में भारत की स्वतंत्रता का विधेयक प्रस्तुत किया गया (4 जुलाई, 1947)
- जिन्ना भारत से करांची पहुँचे, संविधान सभा (पाकिस्तान) ने उन्हें अध्यक्ष चुना (7 अगस्त, 1947)
- भारत स्वतंत्र हुआ (15 अगस्त, 1947)।
Reference : https://www.indiaolddays.com/