प्राचीन भारत
- जून- 2020 -29 जून
नास्तिक संप्रदायों का उद्भव तथा विकास
ईसा पूर्व छठीं शताब्दी का काल धार्मिक दृष्टि से क्रांति अथवा महान परिवर्तन का काल माना जाता है। इस समय…
Read More » - 28 जून
हिन्दू धर्म में सूर्य पूजा का महत्त्व
हिन्दू देवमंडल में सूर्य का अत्यन्त महत्त्वपूर्ण स्थान था, जिनकी कल्पना जगत के प्रकाश के स्वामी के रूप में की…
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शाक्त धर्म के सिद्धांत क्या थे
शाक्त मत के अनुयायी महामातृ देवी को आदि शक्ति मानकर उसी की आराधना करते हैं। वहीं सृष्टि की उत्पत्ति, पालन…
Read More » - 27 जून
शाक्त एक तांत्रिक विचारधारा है
पूर्व मध्यकाल तक आते-आते शाक्त धर्म तंत्रवाद से पूर्णतया प्रभावित हो गया और शाक्त-तांत्रिक विचारधारा समाज में अत्यधिक लोकप्रिय हो…
Read More » - 27 जून
शाक्त धर्म का उद्भव तथा विकास
शक्ति को इष्टदेवी मानकर पूजा करने वालों का सम्प्रदाय शाक्त कहा जाता है। प्राचीन भारतीय देवसमूह में देवताओं के साथ-साथ…
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शैव धर्म के प्रमुख संप्रदाय
यह शैवों का सबसे प्राचीन सम्प्रदाय है, जिसकी उत्पत्ति ईसा-पूर्व दूसरी शती में हुई थी। पुराणों के अनुसार इस सम्प्रदाय…
Read More » - 26 जून
शैव धर्म का उद्भव तथा विकास
शिव से संबंद्ध धर्म को शैव कहा जाता है, जिसमें शिव को इष्टदेव मानकर उनकी उपासना किये जाने का विधान…
Read More » - 25 जून
वैष्णव धर्म के सिद्धांत
वैष्णव धर्म में ईश्वरभक्ति के द्वारा मोक्ष प्राप्त करने पर बल दिया गया है। भक्ति के द्वारा ईश्वर प्रसन्न होता…
Read More » - 25 जून
चतुर्व्यूह किसे कहते हैं
भागवत अथवा पांचरात्र धर्म में वासुदेव विष्णु (कृष्ण) की उपासना के साथ ही साथ तीन अन्य व्यक्तियों की भी उपासना…
Read More » - 24 जून
वैष्णव (भागवत) धर्म की उत्पत्ति तथा विकास
वैष्णव धर्म का विकास भागवत धर्म से हुआ। परंपरा के अनुसार इसके प्रवर्त्तक वृष्णि (सात्वत) वंशी कृष्ण थे, जिन्हें वसुदेव…
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