प्राचीन भारत
- जून- 2020 -24 जून
पौराणिक धर्म के बारे में जानकारी
हिन्दू-धर्म का व्यापक प्रचार-प्रसार पुराणों के माध्यम से संभव हुआ। पौराणिक धर्म में हमें वैदिक, अवैदिक तथा जन-साधारण के धार्मिक…
Read More » - 23 जून
महाकाव्य कालीन धार्मिक व्यवस्था
पूर्व वैदिककालीन कर्मकाण्ड प्रधान तथा उत्तरवैदिक कालीन ज्ञानमार्गी धर्मों का समन्वय कर महाकाव्यों के समय में एक लोकधर्म का विकास…
Read More » - 23 जून
भारतीय संस्कृति में धार्मिक व्यवस्था
भारतीय संस्कृति में धर्म का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। वास्तव में यदि देखा जाय तो यह भारतीय संस्कृति का…
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प्राचीन भारतीय शिक्षा तथा साहित्य
प्राचीन भारतीय सभ्यता विश्व की सर्वाधिक रोचक तथा महत्त्वपूर्ण सभ्यताओं में एक है। इस सभ्यता के समुचित ज्ञान के लिये…
Read More » - 22 जून
हितोपदेश की रचना किसने की थी
भारतीय कथाओं का यह दूसरा प्रसिद्ध ग्रंथ है, जिसकी रचना पंचतंत्र शैली पर ही की गयी है। इसके रचनाकार का…
Read More » - 21 जून
पंचतंत्र की रचना किसने की
पंचतंत्र एक प्रसिद्ध कथा-संग्रह है, जिसमें प्राचीन काल की अनेक कथाओं का संकलन किया गया है। इसके संकलनकर्त्ता विष्णु शर्मा…
Read More » - 21 जून
गुणाढ्य की रचनायें
प्राचीन साहित्य के कथाकारों में गुणाढ्य का नाम सर्वप्रथम उल्लेखनीय है। वह सातवाहन नरेश हाल (प्रथम-द्वितीय शती.)का दरबारी कवि था।…
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कल्हण की रचनायें
कश्मीरी कवि कल्हण तथा उनके ग्रंथ राजतरंगिणी का ऐतिहासिक दृष्टि से सर्वाधिक महत्त्व है। इस ग्रंथ की रचना कश्मीर नरेश…
Read More » - 20 जून
हेमचंद्र नामक विद्वान के बारे में जानकारी
हेमचंद्र का आविर्भाव बारहवीं शती में हुआ तथा ये गुजरात के चौलुक्य शासकों जयसिंह एवं कुमारपाल की सभा में निवास…
Read More » - 19 जून
विल्हण नामक विद्वान के बारे में जानकारी
विल्हण कल्याणी के चालुक्यवंशी शासक विक्रमादित्य षष्ठ (1076-1127ई.) की राजसभा में निवास करते थे।
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