इतिहासप्राचीन भारतशाकंभरी का चौहान वंश

चौहान शासक दुर्लभराज तृतीय

चौहान शासक चामुण्डराज के बाद उसका पुत्र दुर्लभराज तृतीय राजा बना। उसे वीर सिंह भी कहा जाता है। प्रबंधकोश से पता चलता है, कि उसने गुजरात के चालुक्य नरेश कर्ण को हराया था। बताया गया है, कि वह गुर्जर नरेश को जंजीरों में बांध कर अजमेर लाया तथा उसे बाजार में दही बेचने को मजबूर किया।

हम्मीर महाकाव्य में तो यह कहा गया है, कि उसने कर्ण की हत्या कर दी, लेकिन यह वर्णन गलत लगता है, क्योंकि कर्ण दुर्लभराज के बाद भी जीवित रहा।

पृथ्वीराजविजय के अनुसार दुर्लभराज मातंगो के साथ युद्ध करता हुआ मारा गया। इससे तात्पर्य म्लेच्छ अथवा मुसलमानों से है। मुसलमानों का यह आक्रमण इब्राहिम (1059-98ईस्वी) के समय में हुआ था।

References :
1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव 

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