आईआरएस(IRS) ऑफिसर कैसे बनें

सिविल सेवा की सम्मानित पदों में आईएएसआईपीएस और आईएफएस के बाद आईआरएस का पद होता है। इस पद पर अधिकारी के रूप में प्रशासन और नीति निर्माण प्रत्यक्ष कर (आय, कॉर्पोरेट, धन) और अप्रत्यक्ष कर (केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर और सीमा शुल्क और) करों की पूरी जानकारी रखनी होती है। यह केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड वित्त मंत्रालय के अधीन राजस्व विभाग के अंतर्गत कार्य करते है। यदि आप भी IRS (Indian Revenue Service) ऑफिसर बनना चाहते है, तो इसकी पूरी जानकारी आपको इस पेज पर दे रहे हैं।

आईआरएस(IRS) क्या होता है

भारतीय राजस्व सेवा (Indian Revenue Services) IRS भारत सरकार की भारतीय सिविल सेवा के अन्तर्गत्त राजस्व सेवा है। यह सेवा वित्त मंत्रालय (भारत) के अधीन राजस्व विभाग के अन्तर्गत्त कार्यरत है। इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न प्रत्यक्ष कर एवं अप्रत्यक्ष करों का संग्रह क केन्द्र सरकार को उपलब्ध कराना है। 1924 में केन्‍द्रीय राजस्‍व बोर्ड अधिनि‍यम ने आयकर अधिनियम के प्रशासन के लिए प्रकार्यात्‍मक जिम्‍मेदारी के साथ केन्‍द्रीय राजस्‍व बोर्ड सांविधिक निकाय का गठन किया। प्रत्‍येक प्रांत के लिए आयकर आयुक्‍त नियुक्‍त किए गए तथा सहायक आयुक्‍त तथा आयकर अधिकारी उनके नियंत्रणाधीन रखे गये। सर्वोच्‍य पदों के लिए आई सी एस से अधिकारियों को लिया गया और निम्‍नतर सोपान पदों को प्रोन्‍नति के माध्‍यम से भरा गया। आयकर सेवा की स्‍थापना 1944 में की गई , जो बाद में भारतीय राजस्‍व सेवा (आयकर) के नाम से जानी गई।

आईआरएस(IRS) की जिम्मेदारियाँ

आईआरएस अधिकारी प्रत्यक्ष आय, कॉर्पोरेट, धन, एफबीटी आदि के संग्रह, प्रशासन और नीति निर्माण से संबंधित हैं और अप्रत्यक्ष केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर और यहां तक कि सीमा शुल्क करों से संबंधित होता हैं। आईआरएस अधिकारी भारत के कर प्रशासक होते हैं। आईआरएस अधिकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड CBDT या वित्त मंत्रालय के अधीन Revenue Department में केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड CBEC के अधीन होता हैं।

आईआरएस अधिकारी वे अधिकारी होता हैं जो सरकारों के करों के माध्यम से राज्य की आय के उचित संग्रह पर एक नजर रखने की ज़िम्मेदारी रखते हैं चाहे केंद्र या राज्य जो संबंधित सरकारों की आय का एक बड़ा स्रोत है। यह वह आय है जो राज्य के आम लोगों के लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए संबंधित सरकारों द्वारा उपयोग की जाती है। इस प्रकार कोई भी कह सकता है कि ये अधिकारी अप्रत्यक्ष रूप से कल्याणकारी योजनाओं के समुचित कार्य के लिए उत्तरदायी हैं ताकि सरकारों की आय को प्रभावी तरीके से इकट्ठा करके उनके लिए आवश्यक धनराशि की रचना की जा सके।

आईएएस(IAS) ऑफिसर कैसे बनते है

आईआरएस अधिकारी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर के संकलन, प्रशासन और नीति निर्माण से चिंतित हैं। इस कारण से आईआरएस अधिकारियों को अक्सर भारत का कर प्रशासक कहा जाता है। आईआरएस अधिकारी का सबसे महत्वपूर्ण कार्य विकास, सुरक्षा और शासन के लिए राजस्व का संग्रह करना होता है। आईआरएस अधिकारियों का मूल काम आयकर, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क और कर सेवा कर जैसे कर का संग्रह है। एक आईआरएस अधिकारी भारत सरकार के कार्यकारी प्रभाग की सिविल सेवा में एक शीर्ष क्रम का अधिकारी होता है।

आईएएस के लिए तैयारी कैसे करे

शैक्षणिक योग्यताएँ और आयुसीमा
  • शैक्षणिक योग्यताएँ
    • आईआरएस अधिकारी बनने के लिए पात्र होने के लिए उम्मीदवार के पास विश्वविद्यालय से डिग्री या समकक्ष योग्यता होनी चाहिए। या फिर डिग्री कोर्स के अंतिम वर्ष में हो।
  • आयुसीमा
    • न्यूनतम आयु 21 वर्ष
    • अधिकतम आयु 30 वर्ष
    • ओबीसी उम्मीदवारों के लिए 3 साल की छूट।
    • एससी / एसटी उम्मीदवारों के लिए 5 साल की छूट।
    • रक्षा सेवा कार्मिक के पक्ष में ऊपरी आयु सीमा में भी छूट दी गई है।
आईआरएस ऑफिसर की सैलरी

भारत सरकार ने आईआरएस अधिकारियों की सैलरी वेतन ग्रेड पर निश्चित कर पर है जो नए वेतन के साथ बदलती रहती हैं। आईआरएस अधिकारियों को लगभग 90,000 प्रतिमाह सैलरी मिलती है। इसके अतिरिक्त आईआरएस ऑफिसर को कई सारे भत्ते, सरकारी सुविधाए भी प्रदान की जाती है।

नोट – आईआरएस ऑफिसर के लिए सलेब्स और परीक्षा पैटर्न यूपीएससी द्वारा तय किया जाता है। आईएएस ,आईपीएस, आईएफएस और आईआरएस का समान ही होता है।

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