गाँधीजी का नमक कानून (दांडी यात्रा) क्या था
दांडी मार्च जिसे नमक मार्च, दांडी सत्याग्रह के रूप में भी जाना जाता है,जो 1930ई. में महात्मा गांधी के द्वारा अंग्रेज सरकार के नमक के ऊपर कर लगाने के कानून के विरुद्ध किया गया, सविनय कानून भंग कार्यक्रम था।
दांडी यात्रा
गाँधीजी ने कोई कार्य जल्दी में नहीं किया। लाहौर अधिवेशन के बाद गाँधीजी ने अपने कार्यकर्ताओं को सत्याग्रह का प्रशिक्षण दिया। 12 मार्च, 1930 को गाँधीजी ने अपने 79 कार्यकर्ताओं के साथ साबरमती आश्रम से समुद्र तट पर स्थित दांडी की ओर कूच किया।
दो सौ मील की यात्रा पैदल चलकर 24 दिन में पूरी की गई। सरदार पटेल ने आगे-2 चलकर लोगों को गाँधीजी के स्वागत के लिये तैयार किया।मार्ग में गाँधीजी ने लोगों को बलिदान और अहिंसा का उपदेश दिया।
लोगों में देशभक्ति का असीम उत्साह दिखाई दे रहा था। 6 अप्रैल,1930 को प्रातः काल के बाद महात्मा गाँधी ने समुद्र तट पर नमक बनाकर नमक कानून को भंग किया।
यहीं से सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरूआत हुई।
Reference : https://www.indiaolddays.com/