मौर्य शासक अशोक की मृत्यु कब हुई
अशोक के जीवन के अंतिम दिनों के ज्ञान के लिये हमें एकमात्र बौद्ध ग्रंथों पर निर्भर रहना पङता है। दिव्यावदान में जो विवरण प्राप्त होता है, उससे पता चलता है, कि अशोक का शासन काल जितना गौरवशाली था, उसका अंत उतना ही दुखद रहा।अशोक का प्रारंभिक जीवन।
अशोक राजकीय कोष से बहुत अधिक धन बौद्ध संघ को देने लगा, जिसका उसके अमात्यों ने विरोध किया। एक बार जब वह कुक्कुटाराम विहार को कोई बङा उपहार देने वाला था, उसके अमात्यों ने राजकुमार संप्रति को उसके विरुद्ध भङकाया। संप्रति ने भाण्डागारिक को सम्राट की आज्ञानुसार कोई भी धनराशि संघ को न देने का आदेश दिया। बौद्ध संघ एवं महात्मा बुद्ध ।
सम्राट के निर्वाह के लिये दी जाने वाली धनराशि में भी भारी कटौती कर दी गयी तथा उसके निर्वाह के लिये केवल आधा आँवला दिया जाने लगा। अशोक का प्रशासन के ऊपर वास्तविक नियंत्रण न रहा तथा अत्यंत दुर्भाग्यवश परिस्थितियों में इस महान सम्राट का अंत हुआ।
दिव्यावदान के इस कथा की पुष्टि थोङे बहुत संशोधन के साथ तिब्बती लेखक तारानाथ तथा चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी की है।विदेशी यात्रियों का यात्रा वृतांत।
पुराणों के अनुसार अशोक ने कुल 37 वर्षों तक शासन किया। उसकी मृत्यु 237 ईसा पूर्व में हुई।
Reference : https://www.indiaolddays.com/