इतिहासनेपोलियन बोनापार्टविश्व का इतिहास

नेपोलियन की विश्व को देन

नेपोलियन की विश्व को देन

नेपोलियन बोनापार्ट फ्रांस की क्रांति की अमूल्य देन था। उसने अपने जीवन के उदाहरण से यह सिद्ध कर दिया कि प्रखर बुद्धि, राजनीति, व्यवहार, रण-कौशल तथा शासन कला केवल कुलीन वर्ग में उत्पन्न व्यक्तियों की बपैती नहीं है। वास्तव में वह सीमित अर्थ में क्रांति का शिशु था।

फ्रांस और यूरोप को उसने महत्त्वपूर्ण देन दी है। उसने फ्रांस के साम्राज्य का विस्तार किया। एक ऐसा साम्राज्य जिसकी समता किसी भी फ्रांसीसी सम्राट का साम्राज्य नहीं कर सकता। उसने अपनी प्रतिभा और योग्यता के द्वारा पेरिस को यूरोपीय राजनीति का केन्द्र बना दिया। और उसका यह महत्त्व दिनों तक कायम रहा।

पेरिस को यूरोप का कला केन्द्र बनाकर उसने फ्रांसीसियों की सौन्दर्य एवं अहंकार की भावनाओं को तृप्त करने का प्रयत्न किया। फ्रांसीसियों के लिये उनकी योग्यता एवं प्रतिभा के अनुसार जीवनवृतियों के द्वार खोल दिये तथा सभी व्यक्तियों को धर्म की उपासना की स्वतंत्रता प्रदान की। नेपोलियन भली भाँति जानता था, कि फ्रांस के लोगों को सामाजिक समानता अधिक प्रिय थी।

अतः उसने क्रांति द्वारा प्रदत्त सामाजिक एवं आर्थिक लाभों को कायम रखा। क्रांतिकाल में भूमि-व्यवस्था में जो परिवर्तन किये गये थे, उसको भी उसने बनाए रखा। साथ ही जो सामंत फ्रांस छोङकर भाग गए थे, उन्हें भी पुनः आमंत्रित किया।

नेपोलियन जितना बङा विजेता था उतना ही बङा कुशल प्रशासक भी था। यह ठीक है, कि उसने एक ऐसे शासन की स्थापना की, जो निरंकुशता में फ्रांस की पुरातन व्यवस्था से किसी प्रकार कम नहीं था। फिर भी, उसकी शासन व्यवस्था में एक विशेषता थी। वह जनकल्याण का हमेशा ध्यान रखता था।

उसने ऐसे सुधारों को कार्यान्वित किया, जिनसे फ्रांसीसी जनता का जीवन सुखी और समृद्ध हो सके। अपनी तरफ से उसने फ्रांसीसियों को स्वच्छ शासन प्रदान करने का प्रयत्न किया। भ्रष्टाचार को दूर किया। योग्य व्यक्तियों के लिये सरकारी पदों को उन्मुख रखा तथा प्रशासन व्यवस्था को दलबंदी से मुक्त रखा। यह नेपोलियन की फ्रांस को बहुत बङी देन थी।

नेपोलियन ने फ्रांस की पुरातन शिक्षा पद्धति में सुधार करके उसे प्रोत्साहन दिया तथा पेरिस के विश्वविद्यालय को यूरोप के श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की पंक्ति में ला खङा किया। उसकी विधि-संहिता एक बहुत बङी देन मानी जाती है। इस प्रकार, फ्रांस के प्रति उसकी सेवाएँ अत्यधिक महत्त्वपूर्ण थी।

यूरोप ही नहीं, अपितु सारा संसार भी कुछ बातों के लिये नेपोलियन का ऋणी है। उसने फ्रांस की क्रांति के अग्रदूत का काम किया। नेपोलियन ने क्रांति के सिद्धांतों को यूरोप में फैलाया और यूरोप के माध्यम से शेष संसार उनसे परिचित हुआ। कहा जाता है, कि आधुनिक स्वेज नहर की योजना सर्वप्रथम उसी ने बनाई थी। मिस्त्र की प्राचीन सभ्यता का पता लगाने का श्रेय भी नेपोलियन के ही एक सैनिक अधिकारी को दिया जाता है।

यूरोप में जहाँ-जहाँ भी नेपोलियन पहुँचा, उसने स्वतंत्रता, समानता तथा बंधुत्व का प्रचार किया। विजित क्षेत्रों को निरंकुश एवं सामंती प्रथा से मुक्त किया और अपने द्वारा निर्मित विधि-संहिता को लागू करके न्याय प्रदान किया। उन सभी क्षेत्रों में उसने दास-प्रथा तथा अर्द्ध दास प्रथा का उन्मूलन किया तथा धर्म के नाम पर की जाने वाली ज्यादतियों को बंद किया।

उसने यूरोप के इन क्षेत्रों में सामाजिक समानता तथा प्रजातांत्रिक ज्यादतियों को बंद किया। नेपोलियन के शत्रु देश भी उसकी इन बातों को अपनाने लगे। किन्तु यूरोप को नेपोलियन की सबसे बङी देन है – राष्ट्रीयता की भावना का विकास इस भावना को उसने दो तरह से उत्पन्न किया।

पोलैण्ड आदि देशों में उसने जानबूझकर राष्ट्रीयता की भावना को उभारा। लेकिन स्पेन तथा जर्मनी में उसने अपनी निरंकुश सत्ता को आरोपित कर वहाँ के निवासियों में राष्ट्रीयता की भावना का विकास किया। इटली और जर्मनी में उसने अनजाने ही एकीकरण के आंदोलन के बीज बो दिये।

जर्मनी में उसने पवित्र रोमन साम्राज्य का अंत करके तथा सैकङों जर्मन राज्यों को पङौस के बङे जर्मन राज्यों में मिलाकर एकीकरण की पृष्ठभूमि का निर्माण किया। इसी प्रकार, उसने इटली के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त किया। वस्तुतः उसे आधुनिक यूरोप का निर्माता कहा जा सकता है।

नेपोलियन से संबंधित महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उत्तर

प्रश्न – नेपोलियन बोनापार्ट को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का सर्वप्रथम अवसर कब मिला था ?
1.)बास्तीन के दुर्ग के पतन के बाद, 2.)तूलों के घेरे के समय, 3.)आतंक के राज्य के समय।

उत्तर – तूलों के घेरे के समय।

प्रश्न – नेपोलियन की प्रारंभिक उन्नति में सबसे बङा हाथ किसका रहा ?
1.)जोसेफाइन बौहार नैस का, 2.)रोबस्पियर का, 3.)लूसियन बोनापार्ट का

उत्तर – जोसेफाइन बौहार नैस का।

प्रश्न – नेपोलियन का वास्तविक गौरव उसके किस महत्त्वपूर्ण कार्य में निहित था?
1.) शानदार विजएँ, 2.) विधि-संहिता, 3.) आर्थिक सुधार

उत्तर – विधि-संहिता

प्रश्न – 1805 में नेपोलियन ने किस युद्ध में आस्ट्रिया और रूस की संयुक्त सेनाओं को पराजित किया था ?
1.)उल्म का युद्ध, 2.) राइन का युद्ध, 3.) आस्टरलिज का युद्ध

उत्तर – आस्टरलिज का युद्ध

प्रश्न – निम्न में से कौनसी घटना नेपोलियन के लिये जहरीला फोङा सिद्ध हुई-
1.) स्पेन का राष्ट्रीय आंदोलन, 2.) मास्को अभियान, 3.)महाद्वीपीय प्रणाली

उत्तर – स्पेन का राष्ट्रीय आंदोलन

1. पुस्तक- आधुनिक विश्व का इतिहास (1500-1945ई.), लेखक - कालूराम शर्मा

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