प्राचीन भारतइतिहासपुष्यमित्र शुंगशुंग वंश

पुष्यमित्र शुंग का शासन तथा साम्राज्य

पुष्यमित्र शुंग प्राचीन मौर्य साम्राज्य के मध्यवर्ती भाग को सुरक्षित रख सकने में विजयी रहा था। उसके साम्राज्य में अयोध्या तथा विदिशा भी शामिल थे। अयोध्या के लेख में पुष्यमित्र का उल्लेख मिलता है। विदिशा में उसका पुत्र अग्निमित्र शासन करता था।

शुंग वंश की उत्पत्ति एवं शुंग राजवंश का इतिहास ।

मालविकाग्निमित्र के अनुसार विदर्भ का राज्य पुष्यमित्र के अधीन था।दिव्यावदान व तारानाथ के विवरण के अनुसार जालंधर तथा शाकल (स्यालकोट) पर पुष्यमित्र का अधिकार था।

इस प्रकार पुष्यमित्र का साम्राज्य उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में बरार तथा पश्चिम में पंजाब से लेकर पूर्व में मगध तक विस्तृत था।

पाटलिपुत्र शुंग साम्राज्य की राजधानी थी।

YouTube Video

पुष्यमित्र शुंग की शासन व्यवस्था-

पुष्यमित्र शुंग की शासन व्यवस्था के बारे में सही जानकारी प्राप्त नहीं होती है। अनुमान लगाया जाता है,कि पुष्यमित्र ने मौर्यों की साम्राज्य व्यवस्था को ही अपनाया था। साम्राज्य के विभिन्न भागों में राजकुमार अथवा राजकुल के संबंधित व्यक्तियों को राज्यपाल नियुक्त करने की परंपरा चलती रही।

पुष्यमित्र ने अपने पुत्रों को साम्राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में सह-शासक नियुक्त कर रखा था। मालविकाग्निमित्रम से पता चलता है कि पुष्यमित्र का पुत्र अग्निमित्र विदिशा का उपराजा था। अयोध्या – लेख के अनुसार धनदेव कोशल का राज्यपाल था। वसुमित्र के उदाहरण से स्पष्ट है कि राजकुमार सेना का संचालन करते थे।

मालविकाग्निमित्र में अमात्य-परिषद् तथा महाभाष्य में सभा का उल्लेख हुआ है। यह मौर्यकालीन मंत्रिपरिषद थी। इससे स्पष्ट है कि शासन में सहायता प्रदान करने के लिये मंत्रिपरिषद भी होती थी।

मनुस्मृति से शुंगकाल के सुविकसित न्याय तथा स्थानीय प्रशासन की भी जानकारी मिलती है। ग्राम प्रशासन की सबसे छोटी इकाई होते थे।

Reference : https://www.indiaolddays.com/

Related Articles

error: Content is protected !!