शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है
शहीद दिवस(Martyrs Day) के मौके पर हम देश के लिए जान गवाँ देने वाले शहीदों को याद करते हैं। साथ ही हम उन पुरुषों को भी याद करते हैं, जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए कई प्रकार के कष्ट सहन किये।
सबसे पहला शहीद दिवस जिसे सर्वोदय दिवस( sarvoday divas ) भी कहते हैं, 30 जनवरी को मनाया जाता है। दूसरा शहीद दिवस 23 मार्च को मनाया जाता है। दोनों ही शहीद दिवस अलग-2 तारीखों पर अलग-2 वजहों से मनाये जाते हैं।
लेकिन 30 जनवरी वाला शहीद दिवस महात्मा गाँधी(Mahatma Gandhi) के साथ-2 उन लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए लङते – लङते अपने प्राणों की बलि दे दी।
शहीद दिवस वाले दिन महात्मा गाँधी को क्यों याद किया जाता है
महात्मा गाँधी का कहना था कि “खुद वो बदलाव बनो जो दुनिया में देखना चाहते हो।”
महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर,1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था।
13 साल की छोटी उम्र में उनकी शादी करा दी गई थी।और वे अपनी पढाई के लिए इंग्लैण्ड भी गये थे।गाँधी जी भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनीतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे।
राजनीतिक एवं सामाजिक प्रगति के लिए उन्होंने अहिंसक विरोध के सिद्धांत को अपनाया।जिसके लिए उनको अंतर्राष्ट्रीय ख्याती भी प्राप्त हुई।
विश्व स्तर पर महात्मा गाँधी सिर्फ एक नाम ही नहीं,अपितु अहिंसा एवं शांति का प्रतीक भी थे।इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं कि, वे अपने अनुयायियों द्वारा राष्ट्रपिता के रूप में लोकप्रिय हुए।
महात्मा गाँधी को बापू के नाम से भी जाना जाता है।कई नेताओं के साथ हजारों लोगों ने भी उनका सम्मान किया।
उन्होंने खेङा में अहिंसक विद्रोह,1920 में असहयोग आंदोलन,1930 में दांडी यात्रा का नेतृत्व किया।
इनके अलावा भी उन्होंने कई आंदोलन किये। तथा उनके अहम प्रयासों से 1947 को भारत को आजादी मिली।
महात्मा गाँधी की हत्या कैसे हुई
30 जनवरी, 1948 की शाम को नई दिल्ली(New Delhi) के बिङला भवन(Bidla Bhawan) में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, कि गोली मारकर हत्या कर दी गई।
वे हर शाम को यहाँ पर प्रार्थना किया करते थे। 30 जनवरी की शाम को जब महात्मा गाँधी अपनी संध्याकालीन प्रार्थना के लिए जा रहे थे, तभी नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse)उनके पैर छूने के लिए नीचे झुका। उसके बाद सामने से उसने महात्मा गाँधी पर गोली चला दी।गोली लगने से महात्मा गाँधी की मृत्यु हो गई।
इसलिए 30 जनवरी को शहीद दिवस मनाया जाता है। तथा महात्मा गाँधी को याद किया जाता है। इस दिन एक विशेष श्रद्धांजली सभा भी आयोजित की जाती है। हर साल इस दिन राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री और तीनों सेनाओं प्रमुख राजघाट में स्थित महात्मा गाँधी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं।
सेना के जवान भी उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए, उनके सम्मान में अपने हथियारों को नीचे झुकाते हैं।
पूरे देश में गांधी जी के समेत अन्य शहीदों को भी याद कर, दो मिनट का मौन रखते हैं।
30 जनवरी के अलावा भी कई तारीखों को शहीद दिवस मनाया जाता है, जो निम्नलिखित हैं-
23 मार्च वाले शहीद दिवस का कारण
23 मार्च 1931 की मध्यरात्रि को अंग्रेजी हुकूमत ने भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी पर लटका दिया था। इन तीनों की शहादत को श्रद्धांजलि देने के लिए 23 मार्च को भी भारत में शहीद दिवस मनाया जाता है।
इसे शहीदी दिवस भी कहते हैं। 30 अक्टूबर 1928 को हुए लाठी चार्ज से लाला लाजपत राय की मौत हो गई थी। इसके बाद भगत सिंह ने अपने साथियों राजगुरु, सुखदेव, आजाद और जयगोपाल के साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा और तेज कर दियाय था।
भगत सिंह ने लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए अंग्रेज अफसर स्कॉट की हत्या की प्लानिंग की थी। पर हमले में अंग्रेस अफसर जे. पी. सैन्डर्स मारा गया। सैंडर्स हत्याकांड की जांच चलती रही, वहीं भगत सिंह आजादी की लड़ाई लड़ते रहे।
1929 में भगत सिंह ने बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर अंग्रेज सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए उस वक्त की सेंट्रल असेंबली में बम फेंका और आत्मसमर्पण कर दिया। बाद में सुखदेव और राजगुरु की भी गिरफ्तारी हो गई। 2 साल तक मुकदमा चला, लेकिन जब अंग्रेज हारते दिखे तो उन्होंने सैंडर्स हत्याकांड में बिना सबूत भगत सिंह को और कुछ अन्य मुकदमों में राजगुरु और सुखदेव को एकसाथ 24 मार्च 1931 को फांसी देने का ऐलान कर दिया।
विद्रोह होने के डर से अंग्रेंजों ने तीनों को एक दिन पहले 23 मार्च 1931 को ही फांसी दे दी। इसी याद में 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है।
13 जुलाई
13 जुलाई 1931 में कश्मीर के महाराजा हरिसिंह के सामने प्रदर्शन के दौरान रॉयल सैनिकों ने 22 लोगों की हत्या कर दी थी। उनकी याद में जम्मू-कश्मीर में 13 जुलाई को शहीद दिवस मनाया जाता है।
17 नवंबर
17 नवंबर को लाला लाजपतराय की पुण्यतिथि को मनाने के लिए उङीसा में शहीद दिवस मनाया जाता है।
19 नवंबर
19 नवंबर को मध्यप्रदेश के झाँसी में रानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिवस को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
ये उन लोगों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने 1857 की क्रांति में अपने प्राणों की बलि दी थी।
Reference : https://www.indiaolddays.com/