इतिहासदक्षिण भारतप्राचीन भारतवेंगी के चालुक्य

वेंगी के चालुक्य शासक शक्तिवर्मा प्रथम का इतिहास

शक्तिवर्मा दानार्णव का पुत्र था, जो चोडभीम के बाद वेंगी का शासक बना था। इसके साथ ही वेंगी में चालुक्य वंश का शासन पुनः स्थापित हुआ। उसने वेंगी में 12 वर्षों (999-1011ई.) तक राज्य किया। उसे चालुक्यनारायण, चालुक्यचंद्र, विष्णुवर्धन आदि नामों से भी जाना जाता है। शक्तिवर्मा का शासन बारह वर्षों तक चला, किन्तु हमें उसके काल की घटनाओं के विषय में ज्यादा जानकारी प्राप्त नहीं होती है। वह जीवन-पर्यन्त चोलों की अधीनता स्वीकार करता रहा। कल्याणी के पश्चिमी चालुक्यवंश के एक लेख से पता चलता है, कि वहां के शासक सत्याश्रय ने बायलनम्बि के नेतृत्व में एक सेना वेंगी पर आक्रमण करने को भेजी। इसने शक्तिवर्मा को हरा दिया, किन्तु राजराज चोल ने उसकी सहायता की। चोल सहायता से वह अपना राज्य सुरक्षित रखने में सफल हुआ। 1011 ई. तक शक्तिवर्मा ने शासन किया। उसकी मृत्यु के बाद उसके छोटे भाई विक्रमादित्य ने सात वर्षों तक शांतिपूर्वक शासन किया।

References :
1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव 

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