आधुनिक भारतइतिहास
श्वेत पत्र क्या था
मार्च, 1933 में ब्रिटिश सरकार ने एक श्वेत पत्र प्रकाशित किया, जिसमें ब्रिटिश सरकार ने उन बिन्दुओं का संकेत दिया, जिनके आधार पर 1935 का एक्ट (Act of 1935)बनने वाला था।
यह श्वेत पत्र इतना प्रतिक्रियावादी था,कि भारत के प्रगतिशील तत्त्वों ने इसे बिल्कुल पसंद नहीं किय। अप्रैल,1933 में लार्ड लिनलिथगो (Lord Linlithgow)की अध्यक्षता में एक संयुक्त संसदीय समिति नियुक्त की गई, जिसे श्वेत पत्र के प्रस्तावों पर विचार करना था।
संयुक्त संसदीय समिति के द्वारा किये गये सुधार
इस समिति ने कुछ थोङे से सुधार किये, जैसे-
- पहले श्वेत पत्र में संघीय सभा के प्रत्यक्ष चुनाव का सुझाव दिया था। किन्तु इस समिति ने अप्रत्यक्ष चुनाव का सुझाव दिया। इससे सुधार के नाम पर उल्टा नुकसान हुआ।
- इस समिति की रिपोर्ट 11 नवंबर,1934 को प्रकाशित की गयी, और इसके आधार पर एक अधिनियम ब्रिटिश संसद द्वारा पारित किया गया।जिसे अगस्त,1935 में ब्रिटिश सम्राट की स्वीकृति प्राप्त हो गयी।
Reference : https://www.indiaolddays.com/