परमेश्वर
- अप्रैल- 2021 -12 अप्रैलइतिहास
हर्ष की प्रशासन व्यवस्था और मधुबन ताम्रपत्र अभिलेख की स्लाइड
यह अभिलेख उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद की घोषी तहसील के मधुबन नामक स्थान से प्राप्त हुआ है। यह अभिलेख…
Read More » - 9 अप्रैलइतिहास
बलभी का मैत्रक वंश की स्लाइड
550 ईस्वी अर्थात् ईसा की 6वीं शता. के मध्य शक्तिशाली गुप्त साम्राज्य पूरी तरह से छिन्न-भिन्न हो गया। गुप्त साम्राज्य…
Read More » - मार्च- 2021 -13 मार्चइतिहास
गुप्त काल की शासन व्यवस्था की स्लाइड
गुप्त साम्राज्य की शासन-व्यवस्था राजतंत्रात्मक थी। मौर्य शासकों के विपरीत गुप्तवंशी शासक अपनी दैवी उत्पत्ति में विश्वास करते थे तथा…
Read More » - फरवरी- 2020 -9 फ़रवरीइतिहास
राजपूतकालीन संस्कृति का इतिहास
राजपूतकालीन( raajapootakaaleen ) भारत में राजनैतिक तथा सांस्कृतिक दृष्टि से अनेक परिवर्तन दिखाई देते हैं। शासन के क्षेत्र में सामंतवाद(…
Read More » - जनवरी- 2020 -8 जनवरीइतिहास
राजपूतों की शासन-व्यवस्था कैसी थी
राजपूतकालीन भारत में राजनैतिक तथा सांस्कृतिक दृष्टि से अनेक परिवर्तन दिखाई देते हैं। शासन के क्षेत्र में सामंतवाद का पूर्ण…
Read More » - दिसम्बर- 2019 -27 दिसम्बरइतिहास
कलचुरि सत्ता का उत्कर्ष – गांगेयदेव विक्रमादित्य (1019-1041 ईस्वी)
कोक्कल द्वितीय के बाद उसका पुत्र गांगेयदेव विक्रमादित्य कलचुरिवंश का एक प्रतापी राजा हुआ। उसके राज्यारोहण के समय कलचुरि राज्य…
Read More » - 5 दिसम्बरइतिहास
चौहान सत्ता का चर्मोत्कर्ष – विग्रहराज चतुर्थ बीसलदेव
परमार साम्राज्य के विघटन के बाद देश की पश्चिमोत्तर सीमा की रक्षा का भार चाहमानों पर ही आ पङा तथा…
Read More » - 4 दिसम्बरइतिहास
चौहान शासक अर्णोराज का इतिहास
अजयराज का उत्तराधिकारी उसका पुत्र अर्णोराज हुआ, जिसने 1130 ईस्वी से लेकर 1150 ईस्वी तक शासन किया। लेखों में उसे…
Read More » - नवम्बर- 2019 -23 नवम्बरइतिहास
राठौङ शासक चंद्रदेव का इतिहास में योगदान
गहङवाल वंश की स्वतंत्रता का जनक चंद्रदेव था। कन्नौज से उसके चार अभिलेख मिलते हैं, जो दानपत्र के रुप में…
Read More » - 20 नवम्बरइतिहास
गुर्जर-प्रतिहार शासक महेन्द्रपाल प्रथम
महेन्द्रपाल प्रथम की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि मगध तथा उत्तरी बंगाल की विजय थी। महेन्द्रपाल प्रथम विद्वानों का उदार संरक्षक था।
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