विष्णु
- मार्च- 2021 -29 मार्चइतिहास
गुप्तकालीन कला और स्थापत्य कला की स्लाइड
गुप्त काल में संपूर्ण उत्तर भारत में हमें अद्भुत कलात्मकता दिखाई देती है। कला की विविध विधाओं जैसे- वास्तु, स्थापत्य,…
Read More » - जनवरी- 2021 -11 जनवरीइतिहास
सामवेद के बारे में जानकारी
सामवेद में "साम" शब्द का अर्थ है "गान" अर्थात हम कह सकते हैं कि सामवेद में ऋग्वैदिक मंत्रों को गाने…
Read More » - अगस्त- 2020 -3 अगस्तइतिहास
उत्तरवैदिक काल का प्रारंभ कब हुआ
उत्तरवैदिक काल का समय 1000 ई.पू. से लेकर 600 ई.पू. तक था। ऋग्वैदिक काल के बाद के समय को उत्तरवैदिक…
Read More » - दिसम्बर- 2019 -22 दिसम्बरइतिहास
चंदेल शासक परमर्दिदेव (परमल) का इतिहास
चंदेल लेखों में मदनवर्मा के बाद परमर्दि का नाम मिलता है। उसे तत्पादानुध्यात कहा गया है। इससे पता चलता है,…
Read More » - सितम्बर- 2019 -17 सितम्बरप्राचीन भारत
गुप्तकालीन कला और स्थापत्य कला
कला की विविध विधाओं जैसे- वास्तु, स्थापत्य, चित्रकला, मृदभांड कला आदि इस युग में विकसित हुई। धर्म एवं कला का…
Read More » - फरवरी- 2018 -2 फ़रवरीप्राचीन भारत
उपनिषद क्या हैं
उपनिषद(upanishad) शब्द का अर्थ- विद्वानों ने उपनिषद(upanishad) शब्द की व्युत्पत्ति उप+ नि + षद के रूप में मानी है। इसका…
Read More » - जनवरी- 2018 -24 जनवरीप्राचीन भारत
सामवेद संहिता
हम कह सकते हैं कि सामवेद में ऋग्वैदिक मंत्रों को गाने योग्य बनाया गया है। इसमें 1875 ऋचाएँ हैं ।…
Read More » - 22 जनवरी
- 18 जनवरीइतिहास
उत्तरवैदिक काल के महत्वपूर्ण तथ्य
आगमन हुआ वह काल उत्तरवैदिक काल था।इस काल की जानकारी पुरातात्विक तथा साहित्यिक स्रोतों से मिलती है।
Read More » - 16 जनवरीप्राचीन भारत
ऋग्वैदिक काल की धार्मिक स्थिति
ऋग्वैदिक आर्यों का धर्म साधारण था। कर्म पर आधारित धार्मिक व्यवस्था थी अर्थात् जो जैसा कर्म करेगा उसे वैसा ही…
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