इतिहासकल्याणी का चालुक्य वंशदक्षिण भारतप्राचीन भारत
तैल तृतीय (1151-56ई.) का इतिहास
कल्याणी के चालुक्य शासक जगदेकमल्ल द्वितीय के बाद उसका छोटा भाई तैल तृतीय राजा बना। वह अत्यंत ही निर्बल शासक था।उसके काल में होयसल, कलचुरि, यादव आदि सामंतों ने अपनी – अपनी स्वाधीनता घोषित कर दी। अनमकोंड अभिलेख से पता चलता है, कि काकतीय शासक प्रोल ने युद्ध में उसे बंदी बना लिया, किन्तु बाद में दया करके उसे मुक्त कर दिया। इस प्रकार चालुक्य राज्य अत्यंत जर्जर हो गया। अन्ततः कलचुरि वंशी बिज्जल ने कल्याणी पर अधिकार कर लिया।