प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल वातापी
कर्नाटक राज्य के बीजापुर जिले में वर्तमान बादामी ही प्राचीन काल का वातापी है। यह नगर चालुक्य वंश की राजधानी थी। इसकी स्थापना पुलकेशिन् प्रथम(535-566) ने की तथा यहाँ एक सुदृढ़ दुर्ग का निर्माण करवाया। उसके उत्तराधिकारियों के समय में इस नगर की महत्ती उन्नति हुई। 8वीं शती के मध्य यहाँ राष्ट्रकूटों ने अधिकार कर लिया।
वातापी हिन्दू, बौद्ध तथा जैन धर्मों का प्रसिद्ध केन्द्र था। चालुक्य शासकों ने यहाँ अनेक निर्माण कार्य करवाये। यहाँ से पाषाण काट कर बनवाये गये चार स्तम्भयुक्त मण्डपों(Pillared Rock-Cut Halls) के उदाहरण मिलते है। इसमें तीन हिन्दू तथा एक जैन का है। सभी में स्तम्भों वालें बरामदे, मेहराबदार ताख तथा वर्गाकार गर्भगृह हैं।
एक वैष्णव गुहा मिलती है जिसके बरामदे में विष्णु की दो रिलीफ मूर्तियाँ – अनन्तशायी तथा नृसिंहरूप- मिलती है। गुफाओं की भीतरी दीवारों पर सुन्दर चित्रकारियाँ मिलती है। इनकी वास्तु तथा स्थापत्य सराहनीय हैं।
References : 1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
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