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2 फरवरी : विश्व वेटलैंड्स दिवस

2 फरवरी को संपूर्ण विश्व में विश्व आर्द्र भूमि (वेटलैंड्स) दिवस मनाया जाता है। वेटलैंड्स का अर्थ होता है आर्द्र या नम भूमि। जहां करीब 6 मीटर गहरा पानी हो और यह पानी एक साल तक जमा रहे।

वैटलैंड्स क्या है

सामान्य भाषा में वेटलैंड ताल, झील, पोखर, जलाशय दलदल इत्यादि के नाम से जाने जाते हैं। सामन्यतया वर्षा ऋतु में यह पूर्ण रूप से जलप्लावित हो जाते हैं। कई वेटलैंड वर्ष भर जलप्लावित रहते हैं। जबकि कई वेटलैंड ग्रीष्म ऋतु में सूख जाते हैं । वेटलैंड का जलस्तर परिवर्तित होता रहता है।

वेटलैंड अत्यंत उत्पादक जलीय पारिस्थितिकीय तंत्र है। वेटलैंड न केवल जल भंडारण कार्य करते हैं, अपितु बाढ़ के अतिरिक्त जल को अपने में समेट कर बाढ़ की विभीषिका को कम करते हैं। ये पर्यावर्णीय संतूलन में मनुष्य के सहायक हैं। वेटलैंडस में नाना प्रकार के जीव-जंतु एक कोषकीय से कषेरूकी जीव तक पाए जाते हैं। जो एक समृद्ध जलीय जैववविविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं।

मानव जीवन के लिए वेटलैंड्स बेहद जरुरी हैं।देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 15.26 लाख हेक्टयर वेटलैंड्स से घिरा है। ये वेटलैंड्स बेहद महत्वपूर्ण हैं।

विश्व वेटलैंड्स दिवस(World Wetlands Day) का इतिहास

विश्व वेटलैंड्स दिवस की शुरुआत ईरान से हुई थी।सबसे पहले 1971 में 2 फरवरी को वेटलैंड्स बचाने के लिये ईरान के रामसर में पहला सम्मेलन आयोजित किया गया था।इस सम्मेलन को रामसर सम्मेलन कहा जाता है।

इस सम्मेलन में एक अंतरराष्ट्रीय समझौता किया गया था, जिसके तहत विश्व भर के वेटलैंड्स की सुरक्षा करना था।पहला कन्वेंशन सन् 1971 में हुआ था, लेकिन 2 फरवरी को विश्व आर्द्र भूमि दिवस के रूप में पालन करने का सिलसिला सन् 1997 में शुरू किया गया था।

वेटलैंड्स की आवश्यकता

पानी को स्वच्छ रखने, बाढ़ नियंत्रण, कार्बन को सोखने, भूजल स्तर को बनाए रखने और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में वेटलैंड्स का अहम योगदान है।वेटलैंड्स में शहरों से निकलने वाले गंदे पानी को प्राकृतिक तरीके से ट्रीट कर उसे सिंचाई लायक बनाने की भी क्षमता होती है। यह हमें बाढ़ से भी बचाते हैं।

सच तो यह है कि वेटलैंड्स के खत्म होने से वायु प्रदूषण बेतहाशा बढ़ जाएगा, क्योंकि वेटलैंड्स कार्बन को सोखते हैं। वेटलैंड्स को सुनियोजित ढंग से धीरे-धीरे खत्म करने की कोशिश की जा रही है।यह नहीं भूलना चाहिए कि वेटलैंड्स प्राकृतिक सौंदर्य बढ़ाने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए विश्व वेटलैंड्स दिवस पर हम सब को इन्हें बचाने का प्रण लेना चाहिए. क्योंकि वेटलैंड्स बचे रहेंगे तो मनुष्य भी सुरक्षित रहेंगे।

आज के विकसित व आधुनिक युग में हमें स्वीकार करना चाहिए कि इस धरती पर सिर्फ हमारा ही अधिकार नहीं है,अपितु इसके विभिन्न भागों मे विद्यमान करोडों प्रजातियों का भी इस पर उतना ही अधिकार है जितना हमारा। धरती पर हमारे अस्तित्व को बचाए रखने में समस्त प्रकार की जैव विविधता को बनाए रखना अपरिहार्य है। वेटलैंड एक विशिष्ट प्रकार का पारिस्थितिकीय तंत्र है तथा जैवविविधता का महत्वपूर्ण अंग है। भू-जल क्षेत्र का मिलन स्थल होने के कारण यहाँ वन्य प्राणी प्रजातियों व वनस्पतियों की प्रचुरता होने से वेटलैंड समृ़द्ध पारिस्थतिकीय तंत्र है।

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