पाण्ड्य
- मई- 2020 -28 मईइतिहास
पाण्ड्य राज्य के बारे में जानकारी
तमिल प्रदेश का तीसरा राज्य पाण्ड्यों का था, जिसमें प्रारंभ में तिनेवेली, रानाड तथा मदुरा का क्षेत्र सम्मिलित था। पाण्ड्यों…
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चेर राजवंश के बारे में जानकारी
चेर राज्य आधुनिक केरल प्रांत में स्थित था,जिसके अंतर्गत त्रावणकोर, कोचीन तथा मालाबार का कुछ भाग सम्मिलित था।
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चोल काल में कला तथा स्थापत्यकला
चोल वंशी शासक उत्साही निर्माता थे और उनके समय में कला और स्थापत्य के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण प्रगति हुयी।
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चोल राजवंश का इतिहास
चोल राजवंश का प्रारंभिक इतिहास अंधकारपूर्ण है।संगम युग (100-250ई.) में चोल वंशी नरेश दक्षिण में शक्तिशाली थे। इस काल के…
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चोल शासक राजेन्द्र तृतीय का इतिहास
राजेन्द्र तृतीय चोल वंश का अंतिम शासक था। उसने चोल शक्ति का पुनरुद्धार किया।
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चोल शासक कुलोत्तुंग तृतीय
कुलोत्तुंग तृतीय चोल शासक राजाधिराज द्वितीय का उत्तराधिकारी था।
Read More » - 22 मईइतिहास
चोल शासक राजराज तृतीय
कुलोत्तुंग तृतीय का उत्तराधिकारी राजराज तृतीय था, जो एक निर्बल राजा था।
Read More » - 19 मईइतिहास
चोल शासक कुलोत्तुंग प्रथम(1070-1120ई.)का इतिहास
कुलोत्तुंग प्रथम पूर्वी चालुक्य नरेश राजराज का पुत्र था, किन्तु उसमें चोल रक्त का भी मिश्रण था। उसकी माता राजेन्द्र…
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चोल शासक राजाधिराज प्रथम का इतिहास
राजेन्द्र चोल का पुत्र तथा उत्तराधिकारी राजाधिराज प्रथम था। वह 1018 ई. से ही युवराज के रूप में अपने पिता…
Read More » - 17 मईइतिहास
चोल शासक राजेन्द्र प्रथम
राजेन्द्र प्रथम राजराज प्रथम का पुत्र तथा उत्तराधिकारी था और उसकी मृत्यु के बाद 1014-15 ई. में चोल राज्य की…
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