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चोल शासक राजेन्द्र तृतीय का इतिहास

राजेन्द्र तृतीय चोल वंश का अंतिम शासक था। उसने चोल शक्ति का पुनरुद्धार किया। उसने पाण्ड्यों पर आक्रमण कर सुन्दरपाण्ड्य द्वितीय को पराजित किया। परंतु चालुक्य नरेश सोमेश्वर तृतीय ने पाण्ड्यों का साथ दिया,जिससे राजेन्द्र के प्रयास सफल न हो सके। उसने एक युद्ध में राजेन्द्र को परास्त किया। बाद में उससे संधि कर ली। 1251 ई. में पाण्ड्य वंश का शासन जटावर्मन सुन्दरपाण्ड्य नामक एक शक्तिशाली राजा के हाथ में आया। उसने चालुक्य, होयसल तथा काकतीय राज्यों को जीता और चोल शासक राजेन्द्र तृतीय को अपनी अधीनता में रहने के लिये बाध्य किया। इसके बाद 1279 ई. तक वह पाण्ड्य नरेश के सामंत की हैसियत से शासन करता रहा। 1279 ईस्वी में उसे पाण्ड्य शासक कुलशेखर के हाथों पुनः पराजित होना पङा। इसके साथ ही चोल राज्य तथा शासन का अंत हुा।

पाण्ड्य नरेश कुलशेखर समस्त चोलमंडल का सार्वभौम शासक बन बैठा।

References :
1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव 

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