इतिहासप्राचीन भारतसंवत्

विक्रम संवत् कब प्रारंभ हुआ था

विक्रम संवत्( vikram sanvat ) के प्रवर्त्तक के विषय में गहरा मतभेद है। जैनग्रन्थ इसे मालवा के शासक विक्रमादित्य से सम्बन्धित करते हैं जिसने 57 ईसा पूर्व में शकों को पराजित करने के उपलक्ष्य में इसे प्रवर्वित किया था। उनका शासन सतयुग के समान सुख एवं समृद्धि से भरा हुआ था। अत: इस संवत् को कृत (सतयुग) संवत् कहा गया। मालवगण अथवा मालवा से सम्बन्धित होने के कारण इसे मालवा संवत् नाम दिया गया। मालवा के लेखों में इसी संवत् का प्रयोग मिलता है।

शक कौन थे?

मालवा के बारे में जानकारी

गुप्त संवत का प्रारंभ कब हुआ था?

इसके दो अन्य नाम मिलते हैं –

  1. कृत संवत्
  2. मालवा संवत्

इसके विषय के बारे में हम मुख्यत: जैन स्त्रोतों से जानकारी प्राप्त करते हैं। जैन साहित्य में महावीर के निर्वाण तथा विक्रम संवत् के बीच 470 वर्षों का अन्तर बताया गया है। महावीर के निर्वाण की तिथि 527 ईसा पूर्व मानी जाती है। तदनुसार विक्रम संवत् के प्रारम्भ की तिथि 527 – 470=57 ईसा पूर्व निर्धारित होती हैं।

जैन धर्म से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य

बंगाल के अतिरिक्त देश के अन्य भागों में आज भी इस संवत् का प्रयोग किया जाता है।

आधुनिक बंगाल का इतिहास

References :
1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव 

India Old Days : Search

Search For IndiaOldDays only

  

Related Articles

error: Content is protected !!