आधुनिक भारतइतिहास

आधुनिक भारत के इतिहास में सामाजिक एवं लोक-हितकारी कार्य

कृषकों तथा मजदूरों की सुरक्षा के लिए केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों द्वारा अनेक कानून बनाये गये। जैसे-

  • 1948 में न्यूनतम वेतन अधिनियम,
  • 1951 में प्लाण्टेशन एक्ट,
  • 1951 का खान-कानून इत्यादि।

भारतीय स्त्रियों की सुरक्षा एवं प्रगति के लिए सरकार ने अनेक सराहनीय कार्य किये।

सर्वप्रथम 2 अक्टूबर,1952 में पं. जावहरलाल नेहरू की पहल पर सामुदायिक विकास कार्यक्रम प्रारंभ हुआ।

सामुदायिक विकास योजना के पीछे नेहरू का विचार था, कि ग्रामीण जनता सामूहिक प्रयासों तथा पारस्परिक सहयोग से अपनी समस्याओं का समाधान खोज सके।

अक्टूबर,1953 ई. को राष्टीय विकास योजना को आरंभ किया गया। जो असफल सिद्ध हुई।

सामुदायिक विकास कार्यक्रम एवं राष्ट्रीय विकास योजना के असफल होने के बाद पंचायतीराज व्यवस्था को मजबूत बनाने की सिफारिश करने के लिए 1957 ई. में बलवंत राय मेहता की अध्यक्षता में ग्रामोद्धार समिति नामक अध्ययन दल का गठन किया गया।

मेहता रिपोर्ट में कहा गया कि लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण एवं सामुदायिक विकास कार्यक्रमों को सफल बनाने हेतु पंचायती राज संस्थाओं की तुरंत शुरुआत की जानी चाहिए।

बलवंत राय मेहता समिति ने त्रिस्तरीय पंचायती व्यवस्था की संस्तुती की । मेहता समिति की सिफारिशों को 1 अप्रैल 1958 को लागू किया गया।

मेहता समिति ने त्रिस्तरीय पंचायती व्यवस्था की स्थापना की-

  1. ग्राम या नगर पंचायत,
  2. तहसील पंचायत,
  3. जिला पंचायत – के गठन की सिफारिश की थी।

2 अक्टूबर, 1959 को पंचायती राज का राजस्थान के नागौर जिले में सर्वप्रथम विधिवत् उद्घाटन पं. जवाहर लाल नेहरू द्वारा किया गया।

1960 में मुख्य न्यायाधीश माननीय पी.एन.भगवती के द्वारा लोक अदालत की स्थापना सर्वप्रथम गुजरात प्रांत में की गयी।

1951 ई. में खान-कानून ने स्त्रियों से खानों में काम लेना वर्जित कर दिया।

स्त्रियों के लिए गृह सेवा कानून ने कार्य के लिए आठ घंटे निश्चित किए। स्त्रियों के रहने के लिए जगह तथा एक वर्ष में एक माह सवेतन छुट्टी की व्यवस्था की गई।

स्त्रियों को बच्चा पैदा होने की स्थिति में उन्हें वेतन सहित तीन माह छुट्टी लेने का भी अधिकार प्रदान किया गया।

1955 में हिन्दू अधिकार कानून द्वारा सभी धन पर सभी का अधिकार और पुत्री को बच्चों सहित पिता की संपत्ति में उसके भाइयों और उनके बच्चों को समान अधिकार दिया गया।

1956 में हिन्दू अल्पवयस्क और संरक्षण कानून तथा बच्चा गोद लेने और भरण-पोषण के अधिकार, कानून बनाये गये।

1956 में सरकार छुआ-छूत विरोधी कानून पास कर दिया जिसके तहत छुआ-छूत का रिवाज दंडनीय और संज्ञेय अपराध बना दिया गया।

स्त्रियों की सुरक्षा के लिए सरकार ने 1958 ई. में फैक्ट्री कानून बनाया। जिससे स्त्रियों के कार्य के घंटे निश्चित कर दिये गये।

1961 ई. में कानून के द्वारा दहेज प्रथा को गैर कानूनी घोषित किया गया।

1960 ई. में एक कानून के द्वारा अनाथ एवं अपाहिज बच्चों की सुरक्षा की व्यवस्था की गई।

बढती जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए भारत द्वारा विश्व में सर्वप्रथम 1952 ई. में परिवार नियोजन कार्यक्रम प्रारंभ किया गया।

दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना की गई।

स्मरणीय तथ्य-

  • पंडित जवाहर लाल नेहरू भारत के विकास के लिए आर्थिक योजना प्रणाली को आवश्यक मानते थे।
  • 15 मार्च, 1950 ई. को जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में योजना आयोग का गठन किया गया था।
  • योजना आयोग के प्रमुख उद्देश्य निम्न थे- वास्तविक संसाधनों को ध्यान में रखते हुए सभी सुसंगत आर्थिक पहलुओं का निष्पक्ष विश्लेषण करते हुए देश के लिए व्यापक योजना बनाना।
  • राज्यों व केन्द्र के मध्य शक्तियों के विभाजन को देखते हुए योजना तैयार करने में राज्यों की अनिवार्य भागीदारी के लिए 1952 ई. में राष्ट्रीय विकास परिषद् का गठन किया गया।
  • राष्ट्रीय विकास परिषद् का अध्यक्ष प्रधानमंत्री एवं सभी राज्यों के मुख्यमंत्री पदेन सदस्य होते हैं।
  • पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि, भारत की समस्त समस्याओं का एकमात्र समाधान समाजवाद का मार्ग है।
  • पंडित नेहरू की समाजवादी अवधारणा नियोजित विकास के अंतर्गत मिश्रित अर्थव्यवस्था को प्रश्रय देती है।
  • 1948 में एक कुटीर उद्योग बोर्ड की स्थापना की गयी थी। कुछ समय बाद इसके स्थान पर 2 संस्थाएँ स्थापित की गयी-
    • अखिल भारतीय कुटीर उद्योग बोर्ड(1950)
    • अखिल भारतीय खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड(1950)
  • 1952 ई. में अखिल भारतीय दस्तकारी बोर्ड की स्थापना की गई।
  • सरकार ने लघु उद्योगों की शिक्षा के लिए लघु उद्योग सेवा इन्स्टीट्यूट की स्थापना कोलकाता, मुम्बई, मद्रास, दिल्ली में किया था।
  • 1953 ई. में केन्द्रीय समाज हितकारी बोर्ड स्थापित किया गया था।

Reference : https://www.indiaolddays.com/

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